कैथल: हरियाणा के कैथल में बाबा राजपुरी डेरा (Dera Baba Rajpuri in Kaithal) में डेढ़ साल के बच्चे को प्रसाद की तरह मंदिर में चढ़ाने के मामले में बाल सरंक्षण आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए बच्चे के माता पिता को मुंबई से कैथल बुलाकर पुलिस की मदद से बच्चे को सकुशल वापिस अपने माता-पिता को सौंप दिया है. बच्चे के माता पिता बच्चे को गाड़ी में बैठाकर वापिस अपने घर ले गए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक डेरा बाबा राजपुरी में दान किया गया डेढ़ महीने का बच्चा दंपति को वापस दे दिया गया. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) ने आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद बच्चा पिता को सौंप दिया. कमेटी की ओर से पिता को चेतावनी दी गई कि यदि दोबारा उसके द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा.
जांच अधिकारी अजमेर सिंह का कहना है की हमें सूचना मिली थी कि यहां पर एक डेढ़ साल के बच्चे को दान में दिया गया है. इसके बाद में हम चाइल्ड वेलफेयर कमेटी टीम के साथ बाबा राजपुरी डेरा में पहुंचे तो यह बात सच पाई गई. इसके बाद बच्चे के पिता-माता को तुरंत प्रभाव से आने का आदेश दिया गया है, जिसके बाद बच्चे को रेस्क्यू किया गया. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने बच्चे के माता-पिता को कैथल कार्यालय में तलब कर कागजी कार्रवाई पूरी कर बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया है.
मीडिया से बातचीत के दौरान जांच अधिकारी अजमेर सिंह ने बताया कि बच्चे के माता-पिता ने बयान दिया है कि उन्हें कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना था. बाबा राजपुरी डेरे में बच्चे के नाना रहते है. हमने अपना बच्चा कुछ दिनों के लिए उनकों सौंपा था. आयोग ने कागजी कार्रवाई पूरी कर बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया. बच्चा अब अपने माता पिता के साथ अपने घर पर है.
क्या है पूरा मामला -मिली जानकारी के मुताबिक अंबाला के रहने वाले एक दंपती ने कैथल में बाबा राजपुरी डेरा में अपने डेढ़ साल के बेटे को बीते 28 अक्तूबर को दान में दे दिया था. डेरा राजपुरी की साध्वी प्रभा मुनि ने बताया कि अंबाला के एक दंपती के पास पहले एक लड़की थी और उन्होंने अपना पहला लड़का होने पर डेरे में दान देने की मन्नत मांगी थी. साध्वी प्रभा मुनि दान किये गये बच्चे की दादी भी है, जो डेरे में ही सेवा देती है.
साध्वी ने बताया कि बच्चे को दान करने वालों का मानना है कि बाबा की कृपा रही तो आगे भी लड़के पैदा होंगे. बताया जा रहा है कि बच्चे के माता-पिता इस समय मुंबई में नौकरी करते हैं, जो हरियाणा के अंबाला जिले के रहने वाले हैं. दंपति ने अपनी मन्नत पूरी होने के बाद अपने बेटे को प्रसाद की तरह डेरे में दान कर दिया.
बाल संरक्षण आयोग समिती कैथल (Child Protection Commission Committee Kaithal) के चेयरमैन राणा बंसल ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस डेरे में गई थी, जिसको लेकर डेरे के बाबा को बताया गया कि वो इस तरह बच्चे नहीं रख सकते, जिसके बाद उन्होंने बच्चे के पिता-माता को बुलाया गया. यहां बच्चे के माता पिता के बयान के बाद सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है और बच्चे को उसके माता पिता के साथ घर भेज दिया गया है.