कैथल:कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में अब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए किसान-मजदूर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं. सोमवार से इसकी शुरुआत हुई और कैथल जिले में ही दो जगह कांग्रेस ने सम्मेलन का आयोजन किया.
कलायत अनाज मंडी में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे और पुंडरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजन किसान मजदूर सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला पहुंचे. दोनों ही नेताओं ने हरियाणा की खट्टर सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
जेपी दलाल पर बरसे दीपेंद्र हुड्डा, देखें वीडियो 'शांति और अनुशासन के साथ एकजुट होकर संघर्ष करें'
कलायत अनाज मंडी में सभा को संबोधित करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ये पहला ऐसा आंदोलन है जो जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा के सारे बंधन तोड़कर एकजुट है. ये किसान और किसानी के अस्तित्व की लड़ाई है, इसलिए शांति और अनुशासन के साथ एकजुट होकर संघर्ष करें, तभी कृषक बचेगा और कृषि बचेगी. ऐसा नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.
ये भी पढ़ें-कृषि कानून को लेकर राज्यसभा में दीपेन्द्र हुड्डा और नरेन्द्र तोमर में तीखी बहस
भारी जनसैलाब की मौजूदगी में दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि आजादी के बाद देश में ऐसा सुव्यवस्थित आंदोलन नहीं देखा गया. जिसमें शांति और धैर्य से लोग अपनी बात रख रहे हैं. दूसरी ओर, इस व्यापक और शांतिपूर्ण आंदोलन को फेल करने के लिए सरकार हर हथकंडा अपना रही है. लेकिन, उन्हें खुशी है कि सरकारी तंत्र द्वारा तरह-तरह के दुष्प्रचार के बावजूद ये आंदोलन कमजोर पड़ने की बजाय और मजबूत होता चला जा रहा है. उत्तर भारत के बाद पश्चिम और दक्षिण भारत में भी ये आंदोलन तेजी से पैर पसार रहा है.
रणदीप सुरजेवाला के निशाने पर केंद्र सरकार, देखें वीडियो पुंडरी में रणदीप सुरजेवाला की जनसभा
रणदीप सुरजेवाला ने यहां कहा कि गांधीवादी तरीके से किसी का भी विरोध करना जायज है, लेकिन उसमें हिंसा नहीं होनी चाहिए. अपनी बात कहने का अधिकार सबको है चाहे वो हमारा विरोधी भी हो, पर मैं एक बात कहूंगा किसान और मजदूर का गुस्सा खट्टर साहब ने भी देख लिया. उन्होंने जबरदस्ती किसान और गरीब इच्छा के खिलाफ कैमला में हेलीकॉप्टर उतारना चाहा, लेकिन उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया गया. इसलिए चुनी हुई सरकारों को सोचना होगा कि अगर उन्होंने जनमत खो दिया है तो उसे दोबारा से हासिल करने के लिए उन्हें काले कानूनों का खात्मा करना होगा.
ये भी पढे़ं-किसानों की मौत पर भड़के सुरजेवाला, कहा- कितनी और किसानों के खून की होली खेलेगी बीजेपी