हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

कोरोना असर: बर्बादी की कगार पर पीजी-हॉस्टल संचालक, रोजी रोटी पर आया संकट

कोरोना महामारी के चलते पूरा देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. ऐसे में शायद ही कोई सेक्टर ऐसा होगा जिस पर कोरोना की मार ना पड़ी हो. बड़े उद्योग के साथ-साथ छोटे उद्योगों को भी कोरोना के कारण काफी नुकसान हुआ है. बात की जाए झज्जर के पीजी व हॉस्टल्स की तो ये छोटे-छोटे उद्योग भी बर्बादी की कगार पर आ गए हैं.

corona effect on PG hostel haryana
corona effect on PG hostel haryana

By

Published : Jun 29, 2020, 5:29 PM IST

झज्जर: कोरोना के लगे लॉकडाउन के कारण आज कई व्यापार बंद होने की कगार पर हैं. वहीं पीजी हॉस्टल भी कोरोना की मार से अछूते नहीं रहे. झज्जर में 200 से ज्यादा पीजी हॉस्टल हैं जो कि लॉकडाउन के बाद से ही बंद पड़े हैं. इनमें रहने वाले छात्र व अन्य लोग शुरुआती दौर में ही अपने-अपने घरों की तरफ पलायन कर गए थे. जिनके जाने के बाद पीजी हॉस्टल की स्थिति दयनीय हो गई और इन पीजी हॉस्टल के संचालकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पीजी संचालकों के सामने खड़ा हुआ रोजी रोटी का संकट

पीजी हॉस्टल में दूरदराज से आए विद्यार्थियों और अपने घर से किसी दूसरे राज्य में नौकरी कर रहे लोग पीजी हॉस्टल्स को छोड़कर मजबूरन अपने राज्यों की तरफ अग्रसर हो गए. जिसके बाद से जिले के पीजी हॉस्टल्स आज तक दयनीय स्थिति में हैं. अमूमन इन पीजी में 60 से लेकर 100 विद्यार्थी रहते थे, जो बाहर से आकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे. अब इन पीजी हॉस्टल में नाम मात्र के विद्यार्थी ही ठहरे हुए हैं.

कोरोना के कारण बर्बादी की कगार पर पीजी-हॉस्टल संचालक, रोजी रोटी पर आया संकट, देखिए ये रिपोर्ट.

झज्जर के पीजी संचालाक जगदीप ने बताया कि उनके पीजी में 65 से 70 लोग रहते थे, लेकिन लॉकडाउन की शुरूआत में ही सभी लोग अपने घर चले गए. तब से कोई भी पीजी में नहीं लौटा है. पीजी संस्थान पूरी तरह से ठप हो गए हैं. आलम ये है कि उनकी तरफ से जो कर्मचारी पीजी के लिए रखे गए हैं उनकी सैलरी देने के भी लाले पड़े हैं. पीजी संचालकों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द शिक्षण संस्थान खोले जाएं ताकि इन लोगों का काम फिर से पटरी पर लौटे और ये लोग भी अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके.

ये भी पढ़ें-कोरोना के चलते हरियाणा रोडवेज को हर रोज हो रहा लाखों का घाटा

बता दें कि, आज जिले के छोटे-बड़े हर तरह के पीजी और हॉस्टल पर ताले लटके हैं. शिक्षण संस्थान बंद पड़े हैं और जिलों से बाहर ड्यूटी करने वाले लोग भी अभी घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, तो ऐसे में ये पीजी पूरी तरह से बंद पड़े हैं. हालांकि संचालकों को उम्मीद है कि अगस्त में जैसे ही कॉलेज और बाकी शिक्षण संस्थान शुरू होंगे तो उसके बाद उनकी गाड़ी भी पटरी पर लौट आएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details