गुरुग्राम: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण गुरुग्राम (real estate regulatory authority gurugram) ने घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत देते हुए घर खरीदारों को रिफंड वापस करने को कहा है. शहर-आधारित डेवलपर्स को रेरा ने कड़ा संदेश दिया है. कई बिल्डरों द्वारा निर्धारित समय अवधि में अपार्टमेंट/भूखंडों का कब्जा देने में विफल रहने पर हरेरा ने ये आदेश जारी किए हैं. जारी आदेशानुसार बिल्डर्स को 90 दिनों में बिना किसी चूक के 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ पैसा देना होगा.
साथ ही आवंटियों को मुआवजे और कानूनी कार्रवाई में शामिल खर्चों का भुगतान भी किया जाना चाहिए. हरेरा के आदेश ऐसे असंतुष्ट घर खरीदारों द्वारा की गई कई शिकायतों को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं, जिन्होंने बिल्डरों को भुगतान की गई राशि की वापसी की उम्मीद ही खो दी थी. रेरा के अध्यक्ष डॉक्टर केके खंडेलवाल ने कहा कि प्राधिकरण ने बिल्डरों और आवंटी दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बिल्डरों को दोषी पाए जाने पर घर खरीदारों को जमा राशि वापस करने का आदेश दिया.
उन्होंने कहा कि बिल्डरों को घर खरीदने वालों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसे में हरेरा को उनके अधिकारों की रक्षा करनी होगी. खंडेलवाल ने बताया कि कई बिल्डर्स अच्छी प्रारंभिक राशि एकत्र करने के बाद भी निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा करने और वादा अनुसार घर देने में विफल रहे हैं. केवल जुलाई के महीने में, लगभग 300 मामलों को सुनवाई के लिए प्राधिकरण ने सूचीबद्ध किया था.
इनमें से 63 मामलों में प्राधिकरण ने सत्रह बिल्डरों को 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित लगभग 50 करोड़ रुपये राशि वापसी देने का निर्णय किया है. जिसमें रहेजा डेवलपर्स ग्यारह घर खरीददारों को करीब 12 करोड़ रुपए देगा.
इसके अलावा प्राधिकरण ने ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, परीना इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मार्शल बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, स्पेज़ टॉवर प्राइवेट लिमिटेड, इम्पेरिया स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, एएलएम इंफोटेक सिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुडे 20 होमबॉयर्स की शिकायतों का निर्णय करते हुए लगभग 9.5 करोड़ रुपये की वापसी की अनुमति दी. प्राधिकरण ने सम्यक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, सीएचडी डेवलपर्स लिमिटेड, डीएसएस बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, और एक्सपेरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के 20 खरीदारों की शिकायतों का निपटारा करते हुए लगभग 6.81 करोड़ रुपये की वापसी की भी अनुमति दी.