फरीदाबाद: हरियाणा में इन दिनों लगातार फरीबाद से गुजरने वाली आगरा नहर और गुड़गांव नहर का (dirty water in faridabad canal) पानी काला हो गया है. जो अब ना तो सिंचाई योग्य रहा है और ना ही किसी और काम के योग्य. नहर का निर्माण करवाना एकमात्र लक्ष्य आस-पास के गांव में किसानों को उसका पानी मिल सके जिससे खेती हो सके. लेकिन अब यह नामुमकिन लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शहर से बिना शोधित सीवर करीब 225 MLD गंदा पानी नहरो में बहाया जाता है.
दरअसल निगम ने समय रहते हुए योजना नहीं बनाई जिसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासन की बात करें तो समय-समय पर बैठक जरूर की जाती है कि किसी भी तरह से इन नहरों में गंदा पानी ना छोड़ा जाए. लेकिन उसके बावजूद भी टैंकर माफिया लोगों के घरों का सीवर का पानी टैंकर में भर कर रोजाना इन नहर-नदियों में बेखौफ होकर डाल रहे हैं.
आपको बता दें कि 180 एमएलडी क्षमता वाले मिर्जापुर और प्रतापगढ़ में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (sewer treatment plant) अपग्रेड किया जा रहा है जो अगले साल जून-जुलाई तक तैयार हो जाएगा. यानी तब तक टैंकर माफिया यूं ही बेखौफ होकर सीवर का गंदा पानी नदी-नहर में डालते रहेंगे. गंदे पानी को नदी नहर में डालने से इसका सीधा असर भू-तल पर पड़ता है. जिससे भू-तल भी दूषित हो रहा है.
साथ ही धरती से निकलने वाला पानी लोग पीने के लिए भी प्रयोग करते हैं जिसमें कई तरह की बीमारियां हो सकती है. यहां तक इस पानी को पीने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी तक लोगों में फैल रही है. उधर इस पानी से जिन फसलों को सिंचाई में लाया जाता है उस फसल के प्रयोग से भी कई तरह की बीमारियां फैलती है. आपको बता दें कि फरीदाबाद में कई ऐसी कॉलोनियां है जहां पर अभी तक सीवर की व्यवस्था नहीं है.