पारंपरिक खेती छोड़ हरियाणा ने किसान ने उगाई नेपियर घास, एक बार की लागत के बाद 4 साल तक होती है कमाई फरीदाबाद: जवां गांव के किसान विष्णु मलिक ने नेपियर घास उगाकर दूसरे किसानों के लिए मिसाल पेश की है. इस खेती से विष्णु बहुत मुनाफा भी कमा रहे हैं. विष्णु पहले धान-गेहूं की पारंपरिक खेती किया करते थे. जिसमें लागत और मेहनत ज्यादा था और मुनाफा बहुत कम था. यही वजह है कि विष्णु ने कुछ अलग तरह की खेती करने की सोची. विष्णु ने सोचा कि पशु मवेशी, जिनको हम पालते हैं. उनको भरपूर खाना नहीं मिल पाता है.
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इसलिए किसान ने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए कि जिससे उन्हें भी खाना नसीब हो और यही वजह है कि विष्णु ने अलग तरह की खेती करने की सोची. उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते हुए नेपियर घास के बारे में जानकारी हासिल की. इसके बाद विष्णु ने घास को अपने खेतों में बोया. किसान विष्णु ने बताया कि वो पहले धान की खेती करते थे. उसने सोचा कि अबकी बार ऐसा किया जाए जिससे ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिले.
इसके बाद उसने नेपियर घास बोई. उन्होंने कहा कि फरीदाबाद क्षेत्र में पशु चारे की बड़ी समस्या है. गरीब मजदूर जो पशु पालते हैं. उनको काफी दिक्कतें होती है. उसी को ध्यान में रखते हुए हमने ऐसा चारा बोया है जो 12 महीने खेतों में रहता है. एक बार खेतों में ये घास लगाने के बाद तीन-चार सालों के लिए किसान निश्चिन्त हो जाते हैं, क्योंकि इसमें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. ज्यादा खाद की लागत नहीं है और ज्यादा मेहनत की भी जरूरत नहीं होती.
इस घास को पहले 6 महीने में एक बार काटा जाता है. उसके बाद तीन-तीन महीने बाद इस घास को काटा जाता है. उन्होंने कहा कि नेपियर घास बहुत फायदे का सौदा है. 1 एकड़ में ये मिनिमम 2000 क्विंटल उगती है. जो साल में कम से कम 4 से 5 लाख की फसल होती है. किसान का दावा है कि किसी और फसल में इतना मुनाफा नहीं होता जितना नेपियर घास में होता है.
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इसके अलावा किसान विष्णु ने प्रदेश सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने काफी योजना किसानों के लिए चलाई हैं. जैसे फसल बीमा योजना. आज किसान की जो फसल बर्बाद होती है, तो उसे पैसा तुरंत मिलता है. किसान के लिए बागवानी विभाग बहुत अच्छा कार्य कर रहा है.