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Surajkund Mela 2023: सूरजकुंड मेले में आकर्षण का केंद्र बना मेघालय का स्टॉल, लोगों को भा रहे सॉफ्टवुड से बने गुलदस्ते

फरीदाबाद सूरजकुंड मेले में इस साल अलग-अलग राज्यों और देशों से आए हस्तशिल्प कलाकार एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन (Surajkund Mela 2023) कर रहे हैं. सूरजकुंड मेले में एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं, मेघालय से आईं हस्तशिल्पी कलाकार भुट्टे के छिलके और सॉफ्टवुड से बना सुंदर फूल और गुलदस्ते बना रहीं जिन्हों लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

Softwood flowers at Surajkund mela
सूरजकुंड मेले में आकर्षण का केंद्र बना मेघालय का स्टॉल

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Published : Feb 12, 2023, 6:02 PM IST

सूरजकुंड मेले में मेघालय का स्टॉल.

फरीदाबाद: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला 2023 3 फरवरी से चल रहा है. 36वें सूरजकुंड मेले में काफी संख्या में लोगों ने अपने-अपने सामानों की प्रदर्शनी भी लगाई है. मेले में इस बार एक से बढ़कर एक हस्तशिल्पी अपनी बेहतरीन कला को लेकर पहुंचे हैं. सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. ऐसी ही एक हस्तशिल्प कलाकार हैं जो नॉर्थ ईस्ट के मेघालय से आई हैं.

भुट्टे के छिलके से बने गुलदस्ते.

बता दें कि यह उन वस्तुओं का इस्तेमाल करती हैं, जिन्हें लोग कभी इस्तेमाल नहीं करते जैसे कि यह भुट्टे के छिलकों सॉफ्टवुड और फेंक देने वाली वस्तुओं से सुंदर फूल और पौधे बनाती हैं. इनकी कलाकारी को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. इतना ही नहीं भारी संख्या में लोग इनकी स्टॉल पर आ रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं. क्योंकि इनके द्वारा बनाई गई वस्तुएं सस्ती और सुंदर हैं.

मेघालय की स्टॉल पर पर्यटकों को भा रहे ये फूल.

हस्तशिल्प कलाकार पहली बार सूरजकुंड मेले में आई हैं, लेकिन पिछले 12 सालों से यह मेघालय में अपना थोक का व्यापार चलाती हैं. उन्होंने बताया कि वह ऑर्डर के आधार पर अपना प्रोडक्ट तैयार करती हैं और मार्केट में बेचती हैं. इस कला को लेकर इन्हें स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है. इतना ही नहीं यह अपने इस हुनर से 60 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं.

सूरजकुंड मेले में सॉफ्टवुड से बने गुलदस्ते.

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मेघालय से आईं हस्तशिल्प कलाकार कविता विश्वा ने बताया कि इस स्टॉल पर मिलने वाली वस्तुएं सस्ती और सुंदर हैं. वहीं, मेले में आए लोगों का कहना है कि उन्हेंहर साल मेले का इंतजार रहता है और वह हर बार यहां आकर खरीदारी करते हैं. क्योंकि इस मेले में मिलने वाला समान कहीं और नहीं मिलता. इसलिए सूरजकुंड मेले के लिए एक से कम एक दिन का समय जरूर निकालते हैं.

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