फरीदाबाद: छेद वाले सिक्के, घोड़े वाले सिक्के, आना, दो आना, पाई, आधा पौना जैसे सिक्के आप भूल चुके होंगे और टेंपल टोकन का शायद ही आपने कभी नाम सुना होगा, लेकिन औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एक दंपति ऐसा भी है, जो इस तरह के सिक्कों का संग्रह कर आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें संजोकर रखे हुए है.
सिक्के संभालने का बीड़ा सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल और उनकी पत्नी वंदना ने उठाया है. 12 साल पहले सतीश को पुराने सिक्के एकत्र करने का जुनून सवार हुआ. शुरुआत में सतीश को इस काम को करने में घर वालों की आलोचना भी झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने आलोचना की परवाह नहीं की और अपने काम में लगे रहे.
सतीश हर किसी नोट और सिक्के पर उसका सन और नंबर अवश्य देखते और उसे अपने पास संभाल कर रख लेते हैं. वो किसी भी व्यक्ति के पास कोई पुराना सिक्का या नोट देखते हैं तो उससे वो रुपए लेकर बदले में दूसरा नोट दे देते हैं.
पुराने सिक्के और नोटों के संग्रह ने सतीश सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. सतीश सिंघल की माने तो 12 साल पहले घर शिफ्ट करने के दौरान ओल्ड फरीदाबाद के पुराने मकान में काफी पुराने सिक्के मिले थे. जो उनके पिता और दादा ने इकट्ठा किए थे. उनमें पुराने समय के पाई और चांदी के 50 और 100 रुपए के सिक्के देखकर उन्हें लगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में ये सिक्के दिए जा सकते हैं.
सतीश सिंघल की उपलब्धि 2014 में पहली बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और 2 रुपए के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई, लेकिन अब उनके पास 2 रुपए के 49 प्रकार के सिक्के हैं. 2014 में ही इंडिया बुक रिकॉर्ड में 5 रुपए के 51 सिक्के और 2 रुपए के 44 तरह के संग्रह को सम्मिलित किया गया.