फरीदाबाद: दिवाली को लेकर बाजार में काफी रौनक पड़े हैं. समय के साथ-साथ साज-सजावट के तरीके में भी बदलाव आया है. बदलते समय के साथ घर सजाने के लिए बाजार में भी तरह-तरह की चीजें मिलने लगी हैं. यही वजह है कि अब तीज त्योहार में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में दिवाली त्योहारों के मौके पर जहां अपने-अपने घरों में लोग फूल और मालाओं के साथ घर को सजाते थे. वहीं, अब फूल और मालाओं में भी बदलाव आने लगा है. नेचुरल फूल और मालाओं की जगह अब मार्केट में बनावटी प्लास्टिक के फूल और मालाएं ले रही हैं, जिनका कारोबार भी बढ़ रहा है.
आर्टिफिशियल फूल सस्ता और टिकाऊ: नेचुरल फूल से सस्ते दामों पर आर्टिफिशियल फूल मिल रहे हैं. जैसे नेचुरल फूल की एक माला की कीमत 50 रुपए है, वहीं 80 रुपए में आर्टिफिशियल फूल की 2 लड़ी मिल जाती है. ईटीवी भारत से बातचीत में आर्टिफिशियल फूल बेचने वाले अनिल ने बताया कि जो नेचुरल फूल है वह बहुत महंगे मिल रहे हैं. यही वजह है कि बाजार में आर्टिफिशियल फूल का कारोबार नेचुरल फूल के मुकाबले अधिक है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि नेचुरल फूल सालों साल तक टिकती है.
नेचुरल फूल के मुकाबले आर्टिफिशियल फूल सस्ता: दुकानदारों का कहना है कि आर्टिफिशियल फुल नेचुरल फूल के मुकाबले सस्ता भी है और टिकाऊ भी है. यदि एक बार इस फूल को या इसकी मालूम खरीदने हैं तो यह कई साल तक चलता है. यदि आप अपने घर में इस फूल की लड़ी लगते हैं तो इसे एक बार पानी में साफ करके आप बार-बार इसे प्रयोग कर सकते हैं. वहीं, नेचुरल फूल 2 दिन में खराब हो जाते हैं. यही वजह है कि आर्टिफिशियल फूलों का बाजार ठीक से चल रहा है.