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सूरजकुंड मेले में छाए आंध्र प्रदेश के कलाकार, लकड़ी की कलाकृतियां लोगों को कर रही आकर्षित

फरीदाबाद में चल रहे सूरजकुंड मेले (Surajkund International Crafts Mela 2022) में आंध्र प्रदेश के कलाकारों द्वारा बनाई गई लकड़ी की कलाकृतियां अपना अलग रंग बिखेरे हुए हैं. लकड़ी पर की गई कलाकारी में कलाकारों ने मानों जान डाल दी है.

andhra pradesh artist in surajkund mela
andhra pradesh artist in surajkund mela

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Published : Mar 22, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 7:20 PM IST

फरीदाबाद:35वें सूरजकुंड मेले (Surajkund International Crafts Mela 2022) में इस बार आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने अपनी एक अलग जगह बनाई है. आंध्र प्रदेश के कलाकारों द्वारा लकड़ी पर की गई कलाकृति लोगों को बेहद आकर्षित कर रही है. कलाकारों के पास मूर्तियों से लेकर घर सजाने का पूरा दूसरा सामान लकड़ी से बना हुआ है. आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने नीम की लकड़ी पर कलाकृति बनाकर अपनी कला की महक पूरे सूरजकुंड में बिखेरी हुई है.

आंध्र प्रदेश की स्टाल पर घर सजाने के सामान से लेकर हिंदू देवी देवताओं की लकड़ी से बनी मूर्तियां उपलब्ध हैं. यह मूर्तियां पूरी तरह से लकड़ी पर बनाई गई हैं. लकड़ी की खुदाई करके उन पर विभिन्न प्रकार की मूर्तियों को बनाया गया है और हाथों से ही उनमें रंग भरे गए हैं. यह कलाकृति नीम की लकड़ी पर की गई है. आंध्र प्रदेश से आए हस्तशिल्प विनोद कुमार ने बताया कि वह हर बार सूरजकुंड मेले में आते हैं, लेकिन कोरोना के कारण 2 साल से वह यहां नहीं आ रहे थे.

सूरजकुंड मेले में छाए आंध्र प्रदेश के कलाकार, लकड़ी की कलाकृतियां लोगों को कर रही आकर्षित

उन्होंने बताया कि इस बार के मेले में वह सभी प्रकार की मूर्तियां लेकर आए हैं. उनके पास 8 फीट की मूर्ति से लेकर घर में सजाने के लिए दूसरा सामान उपलब्ध है. उनके पास जो सामान है उसकी कीमत 2000 रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक है. उन्होंने कहा कि लकड़ी पर ही हाथ से खुदाई करके इन मूर्तियों और तस्वीरों को बनाया गया है और उनके आंध्र प्रदेश की है लोक कला है जिसको सूरजकुंड के मेले में वह प्रदर्शित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पत्थर की अपेक्षा लकड़ी पर कलाकृति बनाना आसान होता है और उसमें अच्छे से रंग भी भर जाते हैं. पत्थर की कलाकृति से कहीं ज्यादा खूबसूरत लकड़ी की कलाकृति लगती है.

यहां 2 हजार रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक का सामान है

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उन्होंने कहा कि घर में लकड़ी से बना सामान बेहद शुभ होता है और नीम की लकड़ी पर कलाकृति बेहद अच्छी बनती है. मेले में केवल उन्हीं के पास नीम की प्योर लकड़ी से बनी कला कृतियां हैं. उन्होंने कहा कि कलाकृति को बनाने में करीब 1 हफ्ते का समय लग जाता है.

लकड़ी पर की गई कलाकारी में कलाकारों ने मानों जान डाल दी है

कोरोना के समय में उनको कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनको खरीददार मेले में ही ज्यादा मिलते हैं. उनके साथ-साथ बहुत सारे कलाकारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन एक बार फिर से सब कुछ पहले जैसा होने जा रहा है और इस बात की उनको बेहद खुशी है.

लकड़ी पर बनाई गई भगवान की मूर्ति

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Last Updated : Mar 22, 2022, 7:20 PM IST

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