चंडीगढ़: क्राइम पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में 6 नए साइबर क्राइम थाने खोले जाएंगे. प्रदेश सरकार ने इसको मंजूरी दी है. इन पुलिस थानों को लिए 264 पुलिस कर्मचारियों के पदों को भी अब मंजूरी मिल गई है. होम सेक्रेटरी विजय वर्धन की ओर से जारी आदेशों के अनुसार ये थाने पंचों पुलिस रेंज और एक फरीदाबाद कमिश्नररेट में खोले जाएंगे.
जारी आदेशों के अनुसार इन साइबर थानों के लिए 24 पुरुष और 6 महिला इंस्पेक्टर को मंजूरी दी गई है. साथ ही 30 पुरुष और 6 महिला सब इंस्पेक्टर, 18 पुरुष और 6 महिला एएसआई, 48 पुलिस हेड कांस्टेबल, 12 महिला हेड कांस्टेबल के पद भी स्वीकृत किए गए हैं. इनके अलावा 60 पुरुष और 30 महिला कॉन्स्टेबल, 12 कुक, 6 स्वीपर और 6 वाटर कैरियर के पदों को भी मंजूरी मिली है. फाइनेंस डिपार्टमेंट की ओर से भी इसे हरी झंडी मिल चुकी है. अब जल्द ही इन पर काम शुरू हो जाएगा.
कैसे काम करती है साइबर सेल
- ई-दास फॉरेंसिक वर्क स्टेशन-ये एक वर्क स्टेशन पोर्टल है. इसे पुलिस किसी कंपनी में छापेमारी डालने के दौरान इस्तेमाल करती है. इससे मोबाइल, लैपटॉप सर्वर को वर्क स्टेशन से जोड़ने के बाद उसकी जानकारी मिनटों में हासिल की जा सकती है. इसकी मदद से पुलिस को कंपनी में आईटी एक्ट मामले में सभी लोगों को गिरफ्तार करने के बजाए असली आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है.
- कॉल डिटेल रिपोर्ट की जांच का सॉफ्टवेयर- इस सॉफ्टवेयर की मदद से किसी भी नंबर की जांच हो सकती है.
- बेल सॉफ्टवेयर- बेल सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस हार्ड डिस्क के डिलीट डाटा को भी निकाल सकती है.
- मोबाइल ऑक्सीजेन सॉफ्टवेयर- मोबाइल ऑक्सीजेन सॉफ्टवेयर की मदद से मोबाइल का डाटा निकाला जा सकता है.