चंडीगढ़:गुरुवार को अनिल विज ने हरियाणा सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. अनिल विज बीजेपी-जेजेपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं. ये बीजेपी सरकार-2014 में भी मंत्री रह चुके हैं. अनिल विज हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा से छठी बार विधायक हैं. पिछले सरकार में वे स्वास्थ्य और खेल मंत्री रह चुके हैं.
अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 में हुआ था. वो युवा समय से ही काफी अग्रेसिव प्रवृति के नेता रहे हैं. अपनी तेज तर्रार भाषा से विपक्ष को शुरू से ही मात देने की काबीलियत रखते हैं. उनकी स्कूलिंग और कॉलेज की पढ़ाई अंबाला कैंट से ही हुई थी. कॉलेज की शिक्षा के साथ ही वो एबीवीपी के साथ जुड़े. अनिल विज एबीवीपी में महासचिव भी रहे.
सुषमा स्वराज के राज्यसभा में चुने जाने के बाद से अंबाला सीट पर अनिल विज का ही कब्जा रहा. सबसे पहले उन्होंने अंबाला कैंट से उपचुनाव जीता और पहली बार विधायक बन हरियाणा विधानसभा पहुंचे. 1991 में अनिल विज को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया.
साल 2005 में विज को हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले अनिल विज दो बार हरियाणा विधानसभा में निर्दलीय के तौर पर भी जा चुके हैं. साल 1996 और 2000 में अनिल विज ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत दर्ज की.
2005 में हार के बाद 2009 में एक बार फिर अनिल विज ने अंबाला कैंट से जीत हासिल की. 2014 और 2019 में विज फिर एक बार इसी सीट से चुनाव जीत हरियाणा विधानसभा पहुंचे हैं. हरियाणा की मनोहर सरकार में इस वक्त अनिल विज वरिष्ठ नेता हैं और लंबी राजनीति का अनुभव रखते हैं.
अनिल विज माने जाते हैं हरियाणा की राजनीति के 'गब्बर'
बात अगर मौजूदा विधायक अनिल विज की करें तो उनके कारण 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद से इस सीट का महत्व और बढ़ गया है. अनिल विज हरियाणा के तेज तर्रार और सबसे विवादित कैबिनेट मंत्री रहे हैं, वो इसलिए क्योंकि वो सीएम मनोहर लाल खट्टर का विरोध करने से भी वो कभी पीछे नहीं हटे. वे हरियाणा में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. 2009 की विधानसभा में पार्टी के 4 विधायकों में एक वे भी थे. 2014 में भी वे पार्टी के सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से थे. 1990 में जब उन्होंने यहां से पहले चुनाव लड़ा था तब से हर चुनाव में या तो जीते हैं या दूसरे स्थान पर रहे हैं.