चंडीगढ़: आपने कई बार सुना होगा कि पानी का बिल जमा नहीं करने पर सामान्य उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया गया हो. नगर निगम की ओर से की जाने वाली ये कार्रवाई काफी आम है, लेकिन जब सरकारी विभाग ही नगर निगम के बड़े डिफॉल्टर बन जाएं तो क्या होगा? ऐसा ही कुछ हो रहा है चंडीगढ़ में.जहां चंडीगढ़ नगर निगम सरकारी विभागों की वजह से ही घाटे में चल रहा है. इस वक्त पंजाब और हरियाणा के कई सरकारी विभागों पर चंडीगढ़ नगर निगम का 34 करोड़ रुपये का बकाया हैं.
चंडीगढ़ शहर दो राज्यों की राजधानी है. जिस वजह से चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा और पंजाब के भी लगभग सभी सरकारी दफ्तर यहां मौजूद हैं. चंडीगढ़ में किसी भी आम शहर के मुकाबले कई गुना ज्यादा सरकारी दफ्तर हैं. जहां पर पानी की सप्लाई नगर निगम की ओर से की जाती है, लेकिन ये सरकारी दफ्तर समय पर पानी का बिल नहीं भरते हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि चंडीगढ़ में आम लोगों से कई गुना ज्यादा पानी का बिल सरकारी दफ्तरों पर बकाया है.
चंडीगढ़ की सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ में चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा और पंजाब राज्यों के भी काफी सरकारी दफ्तर हैं. जहां पर बिजली पानी की सप्लाई नगर निगम की ओर से की जाती है, लेकिन यहां पर सरकारी दफ्तर पानी के बिलों को नहीं भर रहे हैं. इन सभी दफ्तरों पर नगर निगम का करोड़ों रुपये का बिल बकाया है.
सीनियर डिप्टी मेयर ने कहा कि इन विभागों द्वारा बिल ना भरे जाने की वजह से नगर निगम को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि नगर निगम इन दफ्तरों में रेगुलर पानी की सप्लाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने इन सभी सरकारी दफ्तरों को नोटिस जारी कर दिया है. अगर अगले 1 महीने में पानी के बकाया बिल जमा नहीं करवाए गए तो उनका पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा.
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