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हरियाणा में ऑक्सीजन की कमी से मर रहे मरीज, 17 फिलिंग प्लांट दोबारा होंगे शुरू

हरियाणा के मुख्य सचिव ने वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए क्राइसिस को-आर्डिनेशन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों से प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई की फीडबैक ली.

Oxygen crisis Haryana
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Published : Apr 30, 2021, 9:09 AM IST

Updated : Apr 30, 2021, 2:25 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकर मचा है. ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से मरीजों की जान जा रही है. वहीं प्रशासन और अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है. हरियाणा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की निरंतर सप्लाई कर रही है. जल्द ही प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होगी. उड़ीसा के राउरकेला से ऑक्सीजन की रेलगाड़ी चल चुकी है, जो शुक्रवार तक पहुंच जाएगी.

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मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 51 प्लांट ऑक्सीजन फिलिंग का काम करते हैं. जिनमें से 28 प्लांट में नियमित तौर पर फिलिंग की जा रही है और 17 प्लांट में ऑक्सीजन फिलिंग का काम बंद है. जिसे जल्द शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा, 6 प्लांट ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. जिन्हें जल्द अनुमति दे दी जाएगी. इस प्रकार, करीबन 4000 सिलेंडरों की अतिरिक्त आपूर्ति होगी.

मुख्य सचिव ने वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए क्राइसिस को-आर्डिनेशन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों से प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई की फीडबैक ली. उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जब तक अतिरिक्त ऑक्सीजन नहीं मिल जाती तब तक वो उपलब्ध ऑक्सीजन की निरंतर सुचारू आपूर्ति बनाए रखें.

सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए नए सिरे से ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है. इसलिए मुख्य सचिव ने पानीपत प्लांट में ऑक्सीजन सप्लाई का काम देख रहे विकास यादव को निर्देश दिए कि नए कोटे के हिसाब से जिलों को ऑक्सीजन सप्लाई दी जाए.

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विजय वर्धन ने कहा कि प्रदेश में लगभग 72000 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अपील करते हुए कहा कि डॉक्टरों की टीम सप्ताह में कम से कम तीन दिन उनके घर जाकर स्वास्थ्य निगरानी करे. ताकि आवश्यकतानुसार उन्हें समय रहते चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जा सके और बेड आदि की उपलब्धता का सही अंदाजा हो सके. इसके अलावा, मरीजों को दाखिल और डिस्चार्ज करने के आंकड़े भी नियमित तौर अपडेट किए जाएं तथा इसके लिए, निर्धारित मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाए.

Last Updated : Apr 30, 2021, 2:25 PM IST

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