चंडीगढ़: जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT recruitment case) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om prakash Chautala ) की सजा पूरी हो गई है. बीती रात को उनकी सजा पूरी हो गई है. कुछ कागजी कार्रवाई बची हुई है उसे पूरा होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे.
हालांकि ओम प्रकाश चौटाला अभी पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर ही हैं. वहीं जैसे ही ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने की खबर सामने आई तो वे ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे. लोगों ने उनके लिए हैशटैग 'किसानों का मसीहा आया' लगाकर ट्वीट किए. उनके समर्थकों ने उन्हें किसानों का मसीहा बताते हुए सजा पूरी होने पर उनका स्वागत किया.
क्या था मामला?
गौरतलब है कि हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
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नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए. जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था.