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'अब बाजार में आने वाला है गौ मूत्र का शैंपू और फिनाइल, गोबर से बनेंगी 10 मंजिला इमारत'

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Published : Sep 3, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 5:48 PM IST

भारतीय संस्कृति में गाय को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. ये महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इसके पीछे आध्यात्मिक, धार्मिक और चिकित्सीय कारण भी रहे हैं. इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखकर हरियाणा गौ सेवा आयोग (Haryana Gau Seva Commission) गाय के गोबर और मूत्र पर कई उत्पादों (products from cow dung and urine) को लेकर रिसर्च कर रहा है.

Products made from cow dung
Products made from cow dung

चंडीगढ़: इन दिनों गाय चर्चा का विषय बनी हुई है. एक तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है. दूसरी तरफ हरियाणा गौ सेवा आयोग अब गाय के गोबर और मूत्र पर शोध कर उत्पाद बनाने की तैयारी कर रहा है. हरियाणा गौ सेवा आयोग (Haryana Gau Seva Commission) के मुताबिक कुछ उत्पादों पर रिसर्च पूरी हो चुकी है. जिन्हें जल्द ही बाजार में लॉन्च कर दिया जाएगा.

ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार ने बताया कि आयोग गाय के गोबर से खास तरह की ईंटें तैयार (Brick made from cow dung) कर रहा है. इन ईंटों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि ये मजबूत रहें और वजन में हल्की भी हों, ताकि इससे 10 मंजिल तक की बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा सके. हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि पुराने समय में मिट्टी और गोबर से घर बनाए जाते थे. जो बहुत मजबूत होते थे.

अब गाय के गोबर से बनेंगे गमले और ईंट, रिसर्च कर उत्पाद बना रहा गौ सेवा आयोग

श्रवण कुमार के मुताबिक गाय के गोबर से बने घरों पर तापमान का भी कोई असर नहीं होता था. आज प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. जिससे तापमान में भी काफी इजाफा देखने को मिला है. इन्हीं चीजों को ध्यान में रखकर इन ईंटों को बनाया जा रहा है. इसके अलावा हरियाणा गौ सेवा आयोग गौमूत्र से फिनायल (Phenyl made from cow urine) भी बना रहा है. इस फिनायल को दिल्ली में श्रीराम लैबोरेट्री द्वारा प्रमाणित भी कर दिया गया है.

गौमूत्र से फिनाइल बनाई गई है.

आयोग का दावा है कि ये फिनायल 83% कीटाणुओं को खत्म करने में सक्षम है. जल्दी ही ये फिनाइल मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा. श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि गाय के गोबर से गमले भी बनाए जा रहे हैं. जो पेड़ पौधों के लिए ज्यादा लाभकारी होंगे. ये दूसरे गमलों की तरह मजबूत भी होंगे. पौधा मिट्टी के साथ-साथ उन गमलों से भी पोषक तत्व लेगा और ज्यादा तेजी से बढ़ेगा. पौधा बड़ा होने के बाद उसे गमले समेत जमीन में लगाया जा सकेगा.

गाय के गोबर से गमला भी बनाया गया है. जो पौधों के लिए काफी अच्छा होगा.

इतना ही नहीं गोमूत्र से शैंपू भी बनाए जा रहे हैं. गौ सेवा आयोग का कहना है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक है. जिसमें किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. अगर ये चीजें बाजार में आएंगी तो लोग इन्हें काफी पसंद करेंगे. इसके अलावा गाय के गोबर से खाद बनाने का काम किया जा रहा है. चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि हरियाणा में 680 गौशालाएं है. जिसमें करीब 5 लाख के करीब गाय हैं. जिससे बड़ी मात्रा में गोबर और गोमूत्र प्राप्त किया जा सकता है. उनसे ये उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं.

अलग-अलग तरह की चीजों पर गाय के गोबर और मूत्र से रिसर्च की जा रही है.

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इन उत्पादों के बाजार में आने के बाद गौशालाओं की आय बढ़ेगी. जिससे वो गाय की ज्यादा बेहतर तरीके से देखभाल कर सकेंगे. इसके अलावा इन प्रोडक्ट्स से किसानों की आय भी बढ़ेगी. अब दूध कम होने की वजह से जो लोग गाय को सड़कों पर छोड़ देते हैं वो उन्हें घर में पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा हरियाणा की 680 गौशालाओं में से करीब 350 गौशालाओं में सोलर पैनल लगाए गए हैं. यहां बनने वाली अतिरिक्त बिजली को ग्रीड को भेजी जाएगी. जिससे गौशालाओं की आमदनी ज्यादा होने की उम्मीद है.

Last Updated : Sep 3, 2021, 5:48 PM IST

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