चंडीगढ़:चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने वीरवार को मंडियों में सरसों और गेहूं की खरीद के मामले को लेकर प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने प्रदेश की मंडी में हो रही सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद के बारे में जानकारी साझा की और साथ ही खरीद को लेकर फैल रही अफवाहों पर भी विराम लगाने की कोशिश की. जेपी दलाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंडी में सरसों और गेहूं की खरीद को लेकर कुछ भ्रांतियां फैली हुई है. उनको सरकार दूर करना चाहती है.
मई महीने तक किसानों को मुआवजा:उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि इस बार भी मौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलें खराब हुई. इसको लेकर मुख्यमंत्री और खुद मैंने जमीन पर जाकर हालात देखें और यह फैसला लिया कि अप्रैल महीने में गिरदावरी करवाई जाएगी. मई महीने में किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. इसको लेकर भी सरकार लगातार काम कर रही है.
गेहूं की चमक कम: उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं की चमक में कमी आई हैऔर आमतौर पर जो छूट होती थी. इस बार उससे ज्यादा गेहूं का दाना टूटा था. सरकार ने इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से इसकी खरीद को लेकर इजाजत मांगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंडियों में दो तिहाई गेहूं ऐसा आ रहा है जो पुराने पैमाने पर खरा नहीं उतरा.
टूटे दाने वाली फसल भी खरीदी: जेपी दलाल ने कहा कि किसी की चमक कम है, तो किसी का दाना ज्यादा टूटा हुआ है. अगर हम भारत सरकार से इसकी खरीद की इजाजत नहीं मांगती तो मंडियों में संकट आ जाता और दो तिहाई इस गेहूं की खरीद ना हो पाती. यह गेहूं मंडियों में रिजेक्ट हो जाता और किसानों को समस्या आती. भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं, कि उन्होंने इसकी खरीद की तुरंत इजाजत दे दी. लेकिन उन्होंने इसको लेकर राइडर लगा दिया.
फसल में चमक कम होने पर मिलेगा कम दाम: उन्होंने कहा कि अगर गेहूं की चमक कम होगी तो वे 5.31 पैसे कम देंगे. 6% से 8%, 8% से 10% और 10% से 12%, यानी प्रति 2% पर वे 5.31 पैसे कम करेंगे. उस पर भी हमने भारत सरकार से इजाजत मांगी है, कि वह ऐसा ना करें. हमने कहा है कि आप किसान का पैसा नहीं काटेंगे. हालांकि अभी तक उसके संदर्भ में कोई जवाब नहीं आया है.
विपक्ष को कृषि मंत्री का जवाब: उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा भ्रम फैलाकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करता है. इस तरह का भ्रम फैला कर उनकी कोशिश होती है, कि किसान को किसी तरह से शक पैदा हो. कुछ ऐसा हो जाए कि किसान की फसल ओने पौने दामों पर बिक जाए. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. किसान की फसल पूरी एमएसपी पर खरीदेंगे. यह हमारे और भारत सरकार के बीच है कि अगर किसान को कम पैसा मिलता है, तो हरियाणा सरकार उसकी भरपाई करेगी.