चंडीगढ़/भरतपुर:मराठा और अफगान आक्रांता के बीच हुए पानीपत के तीसरे युद्ध पर आधारित आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'पानीपत' में भरतपुर के महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण करने के विरोध में विवाद और तेज हो गया हैं.
मूवी में महाराजा सूरजमल को आगरा का किला मांगते हुए दिखाया गया है, साथ ही महाराजा सूरजमल को बृज भाषा के बजाय हरियाणवी भाषा में बात करते हुए दिखाया गया है. इसको लेकर जहां पूरे राजस्थान भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं भरतपुर के इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने भी इसका पुरजोर विरोध किया है.
महाराजा सूरजमल ने नहीं मांगा था आगरा का किला
इतिहासकार वर्मा ने बताया कि महाराजा सूरजमल द्वारा सदाशिव राव भाऊ से आगरा का किला मांगना तो दूर बल्कि भाऊ को उनकी सेना का वेतन देने के लिए 5 लाख रुपए देने तक की पेशकश की थी, लेकिन वो नहीं माने. इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने बताया कि भाऊ को महाराज सूरजमल ने युद्ध से संबंधित कई सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने एक भी नहीं मानी.
साथ ही सदाशिव भाऊ के पास अपनी सेना का वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में भाऊ ने दीवान-ए-खास को तुड़वाने की बात कही, जिसका विरोध करते हुए महाराजा सूरजमल ने कहा था कि यह हिंदुस्तान की धरोहर है और इसको ना तुड़वाईये, लेकिन भाऊ नहीं माने और दीवान-ए-खास को तुड़वा दिया.
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