भिवानी: शिक्षा विभाग के लिपिकों (Clerical class employees) ने शनिवार को प्रदेश भर में जिला स्तर पर आंदोलन करते हुए विधायकों को (memorandum to MLAs) मांग पत्र सौंपा. लिपिक अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले कई वर्षो से संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान कर्मचारियों (clerical staff) ने उनकी मांगे जल्द पूरी किए जाने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने मांगें नहीं मानने पर अनिश्चिकालीन आंदोलन करने की चेतावनी दी है. कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी नौ सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री पहले ही सहमति दे चुके हैं. इसके बावजूद अधिकारियों ने इस संबंध में पत्र जारी नहीं किया है. जिससे लिपिक वर्गीय कर्मचारी नाराज हैं.
पूर्व सचिवालय के सामने एकत्रित हुए कर्मियों को संबोधित करते हुए हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन संबंद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य उपप्रधान राजेश लांबा व जिला प्रधान सुकेश कुमार ने बताया कि पिछले 7 वर्ष से उनकी वरिष्ठता सूची अपडेट नहीं की जा रही है. लिपिकों के पद खाली पड़े हैं, वहीं पदोन्नति के अभाव में लिपिकवर्गीय कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 अगस्त 2014 में मंत्रिमंडल में पै-मैट्रिक्स लेवल-6 में लिपिक का वेतन 35,400 किया गया था. लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया है.
इसके अलावा पुरानी पेंशन बहाली, एक्सग्रेसिया में लगाई गई शर्त हटाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति व कौशल रोजगार निगम भंग करने, पेपरलैस व स्टॉफिंग पॉलिसी की आड़ में मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कैडर पर हमला बंद करने तथा नियमित भर्ती करने की मांग की गई है. इन मांगों के साथ ही दूर-दराज स्थानांतरित किए गए लिपिकों के शीघ्र समायोजन किए जाने की मांग भी की गई. उन्होंने कहा कि कार्य भार के अनुसार सभी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में सहायक बीईओ दफ्तरों में आंकड़ा सहायक व उपअधीक्षक डीईईओ दफ्तर में, अधीक्षक तथा डीईओ दफ्तर में स्थापना अधिकारी की मांग भी की गई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे.