भिवानी: कोविड-19 महामारी संक्रमण से बचाव को लेकर गांवों में कचरा प्रबंधन जरूरी है. विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा दिए गए आदेशों पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने सभी ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन करने के निर्देश दिए हैं.
हरियाणा पंचायत राज प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के तहत गांवों में निजी स्थान पर भी प्लास्टिक कचरा जलाने पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. अतिरिक्त उपायुक्त ने अपने आदेशों में कहा है कि ग्राम पंचायत स्वच्छता की शर्तों को नियंत्रित करना होता है.
उपायुक्त ने ग्राम पंचायतों को पर्यावरण की शुद्धता के लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के निर्देश दिए हैं. अतिरिक्त उपायुक्त ने ग्राम पंचायत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन उप नियम 2019 के तहत ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि गांवों में किसी भी वस्तु को लपेटने के काम आने वाले प्लास्टिक की मोटाई 50 माईक्रोन से कम न हो.
पूर्न नवीनीकरण प्लास्टिक से बने उत्पाद का उपयोग खाने या पीने की वस्तुओं के भंडारण, ढ़ुलाई, वितरण व पैकेजिंग में न हो. प्लास्टिक से निर्मित पाऊच का उपयोग गुटका, पान, मसाला व तंबाकू के भंडारण, पैकिंग या बिक्री के लिए नहीं किया जाएगा.
उपायुक्त द्वारा निर्देशानुसार बिना किसी लेबल के गलनशील प्लास्टिक की बिक्री करने वाले पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. इसी प्रकार से किसी भी निजी स्थान पर प्लास्टिक कचरा जलाने पर 500 रुपये जुर्माना, सार्वजनिक स्थान पर प्लास्टिक कचरा जलाने पर 1000 रुपये.
संस्थान और प्रतिष्ठान में प्लास्टिक कचरा जलाने पर 2000 रुपये, घर उत्पन्न कचरे में प्लास्टिक कचरे को अलग-अलग न करने पर 100 रुपये, फ्लैट और घरों में समूह द्वारा उत्पन्न घरेलू कचरे को अलग-अलग न करने पर 500 रुपये और थोक कचरा उत्पादक व संस्थान द्वारा उत्पनन कचरे में से प्लास्टिक कचरे को अलग-अलग न करने पर 2000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है.