अंबाला: सिविल अस्पताल अंबाला में कार्यरत डॉक्टर की साढ़े 6 साल की बेटी और 5 साल के बेटे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पीएम राहत कोष में अपनी गुल्लक के पैसों को डोनेट कर दिए. अभिभावकों का कहना है कि बच्चों ने न्यूज देखने के बाद खुद से ऐसा करने की जिद्द की.
5-6 साल के बच्चे ऐसा फैसला लें तो वाजिब है हैरानी होगी. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने भी इन नन्हें बच्चों से बातचीत की.
दो नन्हें मासूमों ने पीएम रिलीफ फंड में डोनेट किए अपने गुल्लक के सारे पैसे डॉक्टर हैं बच्चों के पिता
अंबाला शहर सेक्टर-8 के रहने वाली 6 वर्षीय स्नेज़हना सिंह और 5 वर्षीय अश्कीर्त सिंह के पिता नागरिक अस्पताल में डॉक्टर हैं. इन दिनों कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे है. जिसके चलते इन बच्चों के पिता डॉ. सुखप्रीत सिंह इन्हें समय नहीं दे पा रहे. इन बच्चों ने टीवी पर न्यूज देखी और देश में चल रहे कोरोना संकट को समझते हुए अपने गुल्लक के सारे पैसे डोनेट कर दिए.
खिलौने के लिए इकट्ठे किए थे पैसे
स्नेज़हना और अश्कीर्त का कहना है कि ये पैसे उन्होंने खिलौने खरीदने के लिए इकट्ठा किए थे. अब ये ये सभी पैसे अपनी मर्जी से पीएम राहत कोष में डोनेट कर दिए. डॉक्टर सुखप्रीत सिंह पूरा दिन ड्यूटी देने के बाद ज्यादातर देर रात को घर पहुंचते हैं. जिसके चलते अब वह अपना समय बच्चों के साथ नहीं बिता पाते. जब भी वो घर आते हैं तब खुद को अच्छे से सैनिटाइज कर बच्चों के नजदीक जाते हैं. वहीं डॉक्टर सुखप्रीत सिंह की पत्नी रीटा बत्सवल ने बताया कि उनके बच्चे इतनी छोटी उम्र में ऐसे फैसले ले रहे हैं जिससे उन्हे खुशी होती है.
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