अंबाला: अंबाला छावनी में रेलवे रोड पर एक खस्ताहाल बिहारीलाल धर्मशाला की बिल्डिंग में चलाए जा रहे पटवार खाने के मुख्य द्वार की छत गिर जाने से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. ये बिल्डिंग 1932 में बनाई गई थी.
अगर ये हादसा दिन के वक्त हुआ होता तो न जाने कितने निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी. बता दें कि जिस बिल्डिंग की छत गिरी है उस बिल्डिंग में संपत्तियों से संबंधित काम कराने के लिए हर रोज ना जाने कितने लोग आते हैं. कुछ यही हाल पटवारियों के कमरों का भी है जिनके कमरों की छतें भी किसी भी वक्त गिर सकती है.
अंबाला में दशकों पुरानी बिहारीलाल धर्मशाला की छत गिरी पटवारियों के कम कमरों में भी लोगों का आना जाना लगा रहता है और सभी महत्वपूर्ण रिकॉर्ड यहां पर रखे जाते हैं. इसी समस्या के चलते सभी पटवारियों ने अंबाला छावनी के तहसीलदार को बिल्डिंग के खस्ताहाल होने की शिकायत दी और उनसे जल्द ही उन्हें उचित स्थान उपलब्ध कराए जाने की मांग की.
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वहीं जब अंबाला छावनी के तहसीलदार बोधराज सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज सभी पटवारियों ने उन्हें पटवारखाने की बिल्डिंग के खस्ताहाल होने और उनको पटवारखाने के लिए कोई सुरक्षित स्थान उपलब्ध करवाने के लिए दी है. उन्होंने बताया कि पटवारिओं की शिकायत को उन्होंने एसडीएम को भिजवा दी है और जल्दी ही पटवारखाने के लिए उचित जगह का इंतजाम कर दिया जायेगा.