चंडीगढ़:कोरोना के चलते इन दिनों चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा हुआ है. जिसके चलते यहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी सड़क पर तैनात हैं. ये पुलिसकर्मी शहर की हर हलचल और हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. इसी बीच शहर से कोरोना के इन हालातों में एक गंभीर मामला सामने आया है.
मामला यह कि थाना मौलीजगरा क्षेत्र में रहने वाला एक पूरे परिवार ने आत्महत्या करने की कोशिश की है. परिवार में पति-पत्नी और एक चार साल का बच्चा शामिल है. किसी तरह पुलिस को इस बारे में सूचना मिल गई और उसने फौरन मौके पर पहुँचकर परिवार कोआत्महत्या करने से बचा लिया.
पुलिस ने पूरे परिवार को आत्महत्या करने से बचाया थाना मौलीजगरा के प्रभारी इंस्पेक्टर जुलदान सिंह ने मामले मे जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार दोपहर करीब 12:00 बजे उन्हें सूचना मिली कि मौलीजागरां का रहने वाला रंजीत और उसकी पत्नी अपने चार साल के बच्चे के साथ रेलवे ट्रैक पर सुसाइड करने जा रहे हैं. सूचना मिलते वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उनको आत्महत्या से रोक लिया.
थाना मौलीजगरा के प्रभारी इंस्पेक्टर जुलदान सिंह ने बताया कि जब उनसे पूछा गया कि वह इस क्यों करने जा रहे थे तो उनका जबाब था कि उन्हें कर्फ्यू के दौरान खाने की दिक्कत रही है. जो खाना चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दिया जा रहा है. उससे वह वर्जित है. जिसके चलते उन्हें भूखा रहना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें कुछ पैसों की भी जरूरत है. जिसका इंतजाम वह कर्फ्यू के चलते नही कर सकते. उन्हें अपने चार साल के बच्चे का ट्रीटमेंट भी करवाना है. इसीलिए कोई रास्ता न दिखने के कारण वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने चले थे.
थाना मौलीजगरा के प्रभारी इंस्पेक्टर जुलदान सिंह ने बताया कि उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निदान किया गया है. परिवार को फाइनेंसियल मदद और खाने का समान उपलब्ध करवाया गया है. वहीं बात रही चार साल के बच्चे के ट्रीटमेंट की तो उन्हें चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा खोले गए सरकारी अस्पताल और डिस्पेंसरी की जानकारी दी गई है.
बता दें कि चंडीगढ़ पुलिस कर्फ्यू के दौरान शहर के कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों की खाने सम्बन्धी खूब मदद कर रही है. वहीं मौलीजगरा पुलिस लगातार एरिया में खाने पीने का सामान वितरित कर रही है.
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