सोनीपत:शराब घोटाला मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. रोहतक आईजी ने खरखौदा के तत्कालीन एसएचओ को बर्खास्त कर दिया है. रोहतक आईजी ने सोनीपत एसपी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए उसे दोषी माना है.
बता दें कि तत्कालीन खरखौदा थाना एसएचओ जसबीर सिंह पर शराब घोटाले के आरोपी भूपेंद्र के साथ मिलकर शराब को ठिकाने लगाने सहित कई अन्य आरोप लगे हैं. जिसके बाद रोहतक रेंज के आईजी ने उसे बर्खास्त कर दिया है. जसबीर सिंह को पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए कई मुकदमों में आरोपी बनाया गया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा है.
कौन है जसबीर सिंह?
तत्कालीन खरखौदा एसएचओ जसबीर को शराब चोरी और गबन मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है. वह रोहतक के भैंसरू खुर्द गांव का रहने वाला है. एयरफोर्स से रिटायरमेंट लेने के बाद वह पुलिस सेवा में आया था. आरोपी ने सितंबर 2010 में पुलिस विभाग में बतौर एसआई ज्वॉइन किया था. 10 जनवरी 2020 को उसे खरखौदा थाने का एसएचओ बनाया गया था. शराब तस्करी मामले में नाम आने के बाद उसे 30 अप्रैल को लाइन हाजिर किया गया था. अब सोनीपत पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा की रिपोर्ट पर उसे बर्खास्त कर दिया गया है.
बता दें कि एसपी ने आरोपी की प्रशासनिक टीम से जांच कराई थी. जिसमें आरोपी जांच टीम के सामने पेश नहीं हुआ. मामलों की जांच के बाद एसपी रंधावा ने आईजी रोहतक से उसे बर्खास्त करने की दरख्वास्त की थी. जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.