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नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई कब, सीएम भी आचार संहिता का हवाला देकर बच निकले

जिस प्रिंसिपल पर नायब तहीलदार पेपर लीक करने का आरोप है और जो 3 महीने जेल काट चुका है वो अभी भी अपने पद पर बना हुआ है और सारे लाभ ले रहा है. लगातार अधिकारियों को बताने और सरकार को जगाने के बाद भी राजीव भूटानी पर कार्रवाई नहीं हुई है.

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Published : Sep 24, 2019, 8:09 PM IST

करनालः नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले का आरोपी राजीव भूटानी अपने पद पर अभी भी बना हुआ है. ईटीवी भारत लगातार अधिकारियों को इस बाबत अवगत कराता रहा है लेकिन राजीव भूटानी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

सीएम ने भी झाड़ा पल्ला
मुख्यमंत्री मनोहर लाल से जब नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी राजीव भूटानी पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन पर कार्रवाई हो रही है. लेकिन जब ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे पूछा कि अगर 5 दिन और राजीव भूटानी पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर उनको सस्पेंड करना मुश्किल हो जाएगा तब मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आचार संहिता लग चुकी है मैं कुछ नहीं कर सकता.

नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई कब ?

राजीव भूटानी पर डीसी ने क्या कहा ?
ईटीवी भारत संवाददाता ने करनाल के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह से राजीव भूटानी पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये पूरा मामला शिक्षा विभाग का है लेकिन फिर भी मैं इसे देखूंगा. और इतना कहकर वो चले गए.

क्या है पूरा मामला ?

  • 26 मई को नायब तहसीलदार की परीक्षा होनी थी
  • पेपर लीक होता इससे पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ लिया
  • पेपर शुरू होते ही पुलिस ने रेवाड़ी जैन गर्ल्स स्कूल और माउंट लिट्राजी स्कूल से पांच आरोपियों को आंसर-की के साथ गिरफ्तार किया
  • तीन आरोपी गुरुग्राम और एक आरोपी को करनाल से गिरफ्तार किए गए.
  • ठीक एक दिन बाद पेपर लीक कर आरोपियों तक पहुंचाने वाले करनाल स्थित एसएस इंटरनेशल स्कूल में तैनात परीक्षा वाले दिन केंद्र अधीक्षक जसबीर को गिरफ्तार किया गया.
  • रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये में सौदा किया था
  • दो लाख रुपये में पेपर लाकर देने की जिम्मेदारी बीईओ राजीव भूटानी ने ली थी, जिसमें एक लाख एडवांस में दे दिए गए थे.
  • इसके बाद राजीव भूटानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
  • राजीव भूटानी को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गुनहगार माना.
  • राजीव भूटानी को इसके बाद जेल भेज दिया गया.
  • 3 महीने के बाद जेल से आकर राजीव भूटानी ने फिर से ज्वाइन की ड्यूटी.

राजीव भूटानी को कौन बचा रहा है ?
ये सवाल अपने आप में बड़ा है कि आखिर राजीव भूटानी की मदद कौन कर रहा है? वो कौन है जो राजीव भूटानी पर कार्रवाई नहीं होने दे रहा है. क्योंकि राजीव भूटानी को जेल हो चुकी है. सभी अधिकारियों को राजीव भूटानी के बारे में जानकारी है. यहां तक की मुख्यमंत्री तक को इस बारे में सब पता है लेकिन फिर भी राजीव भूटानी पर कार्रवाई नहीं हो रही है. जबकि जिला शिक्षा विभाग का कहना है कि वो कई बार आला अधिकारियों में राजीव भूटानी के बारे में अवगत करा चुके हैं.

ये भी पढ़ें- नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड: जेल जाने के बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपी पर कार्रवाई, फिर बना प्रधानाचार्य

क्या कहते हैं नियम ?
हरियाणा सरकार के नियमों के मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल में रह लेता है और जब तक उस पर आपराधिक मुकदमा चलता है तब तक के लिए उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, लेकिन राजीव भूटानी पर प्रशासनिक या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की वो अपनी प्रधानाचार्य की ड्यूटी भी जॉइन कर सरकारी नौकरी की मौज ले रहे हैं.

अगर 5 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो क्या होगा ?
दरअसल अगर एक महीने तक लगातार राजीव भूटानी अपने पद पर बने रहे तो वो कोर्ट में इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे कि उन पर विभागीय कार्रवाई नहीं हुई मतलब विभाग ने ये नहीं समझा कि उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके बाद उनको सस्पेंड करना भी आसान नहीं होगा. राजीव भूटानी को लगभग 26 दिन दोबारा ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद हो चुके हैं मतलब 5 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो राजीव भूटानी का केस कोर्ट में कमजोर हो सकता है.

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