फरीदाबाद: कोविड-19 के टेस्ट के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक निजी लैब एसआरएल द्वारा किए गए कोविड-19 के सैंपल में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब इस लैब के टेस्ट में एक मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताया गया. जबकि सरकारी टेस्ट में वो मरीज कोरोना नेगेटिव निकला. जिसके बाद अब लैब पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
इलाज कराने गए मरीज को बता दिया कोरोना पॉजिटिव
फरीदाबाद के रहने वाले 67 वर्षीय रामगोपाल अग्रवाल अपनी किसी दूसरी बीमारी का इलाज कराने के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में गए थे. जहां डॉक्टर ने उनको कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दी. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल ने निजी लैब एसआरएल में कोविड-19 का टेस्ट कराया.
टेस्ट में रामगोपाल अग्रवाल को कोरोना से संक्रमित पाया गया. जिसके बाद रामगोपाल को सरकारी अस्पताल में आइसोलेट किया गया और उनके घर वालों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. बाद में जांच के दौरान रामगोपाल के सभी परिवार के लोगों के कोविड-19 के सैंपल नेगेटिव पाए गए. जिसके बाद डॉक्टरों ने रामगोपाल अग्रवाल का सरकारी अस्पताल में कोविड-19 का दो बार टेस्ट किया और दोनों ही बार रिपोर्ट नेगेटिव मिली. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल को डिस्चार्ज कर दिया गया.
'SRL को लापरवाही की कीमत चुकानी होगी'