हरिद्वार/चंडीगढ़: धर्मनगरी में इस बार बोल बम के जयकारों के साथ कांवड़ की धूम नहीं दिखाई देगी. उत्तराखंड सरकार ने यूपी और हरियाणा सरकार के साथ बैठक कर इस बार कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है. सरकार के फैसले का सही से अनुपालन कराने के लिए आज हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक की गई. जिसमें हरिद्वार जिलाधिकारी सी. रविशंकर, हरिद्वार एसएसपी समेत यूपी और हरियाणा के अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, यमुनानगर समेत पांच जिलों के डीएम और एसएसपी मौजूद रहे. इस दौरान सभी अधिकारियों ने कांवड़ में हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए बनाये गए प्लान पर अपने-अपने सुझाव दिए. साथ ही बैठक में आपसी समन्वय बनाये रखने पर भी जोर दिया गया.
हरिद्वार आए तो होंगे 14 दिन क्वारंटाइन, खुद उठाना पड़ेगा खर्च
बैठक में निर्णय लिए गया कि किसी भी रूप में अन्य प्रदेशों से कांवड़ियों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. अगर कोई ट्रेन या अन्य किसी माध्यम से हरिद्वार आता भी है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जायेगा. इतना ही नहीं क्वारंटाइन के दौरान उस पर होने वाले खर्च को भी उसी से वसूला जायेगा.
कोई भी कांवड़िया हरिद्वार में नहीं कर सकेगा प्रवेश, तीन राज्यों की बैठक में हुआ फैसला. हरिद्वार में कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध के साथ ही कांवड़ से सम्बंधित केन, कपड़े आदि सामान बेचने पर भी पाबंदी रहेगी. अगर कोई दुकानदार इस तरह के सामान को बेचता पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा हरिद्वार के आसपास के गांव, कस्बों से आने वाले लोगों को भी जल लेने से प्रतिबंधित किया गया है.
वहीं, निकटवर्ती राज्यों से आये अधिकारियों ने भी सरकार के आदेश का पालन करने और आपसी समन्वय और सहयोग की बात कही. मुजफ्फरनगर के एसएसपी अखिलेश यादव ने कहा उनका प्रयास है कि कोरोना से जनता की जान की रक्षा की जाये. उन्होंने कहा वे हरिद्वार वाले लोगों को समझाने के साथ ही उनसे अपील भी करेंगे.
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