चंडीगढ़ःदुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक प्रदेश हरियाणा में जम्हूरियत का सबसे बड़ा त्योहार होने वाला है. चुनाव आयोग से लेकर तमाम सामाजिक संगठन तक लोगों से वोट डालने की अपील कर रहे हैं. ईटीवी भारत भी लगातार लोगों को वोट डालने के लिए प्रोरित कर रहा है लेकिन प्रदेश में कई जगहें ऐसी भी हैं जहां लोग वोट डालना नहीं चाहते.
अबकी बार, मतदान बहिष्कार
सिरसा के कुत्ताबढ़ गांव में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. करनाल की कॉलोनी वासियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. गुरुग्राम के सेक्टर 37 की हाइटेक सोसायटी ने वोट न देने की बात की है. दादरी के दातौली गांव के लोग भी वोट नहीं डालना चाहते और यमुनानगर की दर्जनभर कॉलोनियों की जनता भी चुनाव का बहिष्कार कर रही है.
38 साल से पुल का इंतजार, करना पड़ा चुनाव बहिष्कार
ऐलनाबाद विधानसभा में आने वाले कुत्ताबढ़ गांव के लोग 38 साल से घग्घर नदी पर पुल बनने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आज तक यहां पक्का पुल नहीं बन पाया है. 2014 में यहां से इनेलो के अभय चौटाला चुनाव जीते थे और ऐलनाबाद इनेलो का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन चौटाला की सरकार में भी ये पुल नहीं बना. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनीता दुग्गल ने पुल बनवाने का वादा किया लेकिन अभी तक उस वादे का भी कुछ नहीं हुआ. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों को घग्घर पर पक्का पुल न होने की वजह से 22 किलो मीटर ज्यादा सफर करना पड़ता है. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार किया था और अब विधानसभा चुनाव में भी मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है.
35 साल से प्यासा है ये गांव! अब किया मतदान बहिष्कार का ऐलान
दादरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले दातौली गांव की पंचायत ने एकमत से चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में 35 साल से पेयजल की समस्या है लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वो हर नेता के दर पर जा चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कहीं से कुछ हाथ नहीं लगा. दातौली गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार का ऐलान किया था. जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने इनकी समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है इसीलिए दातौली गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. 2014 में दादरी विधानसभा से इनेलो के राजदीप फोगाट ने जीत हासिल की थी. राजदीप फोगाट अब इनेलो छोड़कर जेजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.