चंडीगढ़: दुष्यंत चौटाला आज संविधान दिवस के अवसर पर हरियाणा विधानसभा के बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान सदन में पहुंचे थे. ईटीवी भारत से बातचीत में दुष्यंत चौटाला ने संविधान दिवस को लेकर बुलाए गए विशेष सत्र पर कहा कि ये सराहनीय कदम है. सभी की तरफ से अधिकारों पर अपने विचार रखे गए.
विशाल हरियाणा को लेकर दिया बयान
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से ‘विशाल हरियाणा’ की मांग वाले बयान पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फिलहाल हरियाणा को और भी ज्यादा मजबूत करने और आगे बढ़ाने पर हमें ध्यान देने की जरूरत है.
हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की ईटीवी भारत से खास बातचीत. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-10 में संशोधन करने के बाद विधायकों को एक स्थिर सरकार देने की ताकत मिली है. संविधान लागू होने के 70 सालों के बाद भारत एक विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है. महिलाओं को संविधान में बराबर का दर्जा दिया गया है.
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उप-मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर व अन्य सदस्यों को नमन करते हुए कहा कि इनके द्वारा संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है और आज सदन में चर्चा के दौरान जिक्र आया कि 90 विधायकों में से 17 अनुसूचित जाति के विधायकों का चुना जाना संविधान की ही देन है.
चौधरी देवीलाल की तारीफ की
वहीं सदन में दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना लागू की थी, जो संविधान के अनुरूप पूरे देश में लागू है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम तो पारित कर दिया परंतु मुफ्त शिक्षा में अनेक खामियां हैं, उन्हें हमें दूर करना होगा.
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उन्होंने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल दीवाली के बाद प्रदूषण को लेकर तरह-तरह के आदेश पारित कर रहे हैं. इसका समाधान जरूरी है कि इस विषय को हम शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य रूप से लागू करें और 12वीं व उसके बाद जलवायु परिवर्तन विषय को एक अनिवार्य विषय के रूप में पाठयक्रम में जोड़ें. उन्होंने अपना वक्तव्य समाप्त करते हुए कहा कि 'जनमान का गान है, सबसे ऊपर संविधान है, हम रहें या ना रहें, हिन्दुस्तान जिंदा रहना चाहिए.'