भिवानी: शहरवासियों को बंदरों से निजात दिलाने के उद्देश्य से नगर परिषद द्वारा चलाया गया बंदर पकड़ो अभियान नाकाम होता नजर आ रहा है, क्योंकि नगर परिषद द्वारा पकड़े गए बंदरों की हालत बेहाल नजर आ रही है. बंदरों को समय पर मेडिकल जांच नहीं मिल रही है, जिसके चलते पिंजरे में बंद बंदर एक-दूसरे को घायल कर रहे हैं.
बता दें कि, बीते दिनों भिवानी जिले में नगर परिषद द्वारा बंदर पकड़ने का अभियान चलाया गया था. जिसमें ठेकेदार राकेश द्वारा जिले से कई आवारा बंदर पकड़े गए थे, लेकिन पशु चिकित्सक सतीश द्वारा बंदरों की समय पर मेडिकल जांच न किए जाने की वजह से बंदरों को पिंजरे में ही बंद कर रखा है.
भिवानी नगर परिषद द्वारा पकड़े गए बंदर हुए बेहाल, कौन सुनेगा इन बेजुबानों का दर्द? ठेकेदार राकेश ने बताया कि बार-बार डॉक्टर के पास जाने पर उन्हें चक्कर कटवाए जा रहे हैं, जिससे पिंजरे में बंद ये बंदर एक दूसरे को घायल कर देते हैं. घायल हुए बंदरों की हालत दयनीय है. जब इस बारे में डॉक्टर सतीश से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि ओपीडी की वजह से व्यस्त रहते हैं और जल्द बंदरों की जांच करने का आश्वासन देते रहते हैं.
ये भी पढ़ें-ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में बढ़ रही फोन की लत, अभिभावक ऐसे रख सकते हैं बच्चों का ख्याल
भिवानी जिला परिषद इन बंदरों को पकड़कर आम जनता को बंदरों की परेशानी से निजात दिला दी है, लेकिन अब इन बेजुबान जानवरों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ना तो इनको जंगल में छोड़ने का कोई प्रबंध किया गया है और ना ही इनमें से घायल बंदरों को कोई उपचार दिया जा रहा है. अब ऐसे में ये बेजुबान अपना दर्द बयां करें भी तो कैसे करें और फिर सुने कौन.