हनुमान-संजीवनी बूटी का जिक्र कर बोले पीएम मोदी, 'आत्मनिर्भर भारत' पहले से ही
प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में हनुमान, हिमालय औऱ संजीवनी बूटी का जिक्र कर कहा 21वीं सदी का भारत दुनिया के साथ अपने अनुभव, ज्ञान और जानकारी को शेयर करना चाहता है. उन्होंने कहा कि हमारी विरासत पूरी मानवता के लिए है. उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं. हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृतसंकल्प लोग हैं. सर्वे संतु निरामया हमारा जीवनमंत्र है. आयुर्वेद हजारों वर्षों की परंपरा और तपस्या का प्रतीक है. रामायण के आख्यान का जिक्र कर पीएम मोदी ने कहा, हम तो सुनते आए हैं. लक्ष्मणजी बेहोश हो गए तो हनुमानजी हिमालय लौट आए और वहां से जड़ी बूटी लेकर गए. आत्मनिर्भर भारत तब भी था. प्रधानमंत्री ने कहा, डिजिटल दुनिया में ओपन सोर्स की चर्चा होती है. आयुर्वेद, ओपन सोर्स परंपरा से बेहतर हुआ है. जिस युग में जिसने जो पाया उसे जोड़ता गया. नए विचारों का स्वागत होता है. समय के साथ अलग-अलग विद्वानों के अनुभव और अध्ययन से आयुर्वेद समृद्ध और मजबूत हुआ. उन्होंने कहा कि हमें पूर्वजों से सीख लेते हुए इंटेलेक्चुअल ओपननेस की भावना से काम करना होगा. ट्रेडिशनल मेडिसीन से जुड़े ज्ञान का विकास और विस्तार तभी संभव है जब इसे साइंटिफिक स्पिरिट के मुताबिक देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST