आज की प्रेरणा - हनुमान भजन
मनुष्य के तत्वदर्शी ज्ञानी गुरु के पास जाकर, उनको साष्टांग दण्डवत प्रणाम, उनकी सेवा और सरलतापूर्वक प्रश्न करने से वे तत्वदर्शी ज्ञानी महापुरुष तत्व ज्ञान का उपदेश देंगे. द्रव्यों से सम्पन्न होने वाले यज्ञ की अपेक्षा ज्ञान यज्ञ श्रेष्ठ है. अन्ततोगत्वा सारे कर्मयज्ञों का अवसान दिव्य ज्ञान में होता है, अर्थात ज्ञान उनकी पराकाष्ठा है.