संसद में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गूंजा, भाजपा सांसद की मांग- बिट्टा कराटे और यासीन मलिक को मिले सजा
संसद में बजट सत्र के अंतिम दिन भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कश्मीरी पंडितों से जुड़ा मुद्दा उठाया. राज्य सभा में शून्यकाल के दौरान सुशील मोदी ने कहा, 1989 से 1998 के बीच 700 से अधिक कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई. यह एथनिक क्लींजिंग, जेनोसाइड और होलोकॉस्ट है. उन्होंने कहा कि मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाने वाले रिटायर्ड सेशंस जज जस्टिस नीलकंठ गंझू की हत्या कर दी गई. उन्होंने कई अन्य लोगों के नाम भी गिनाए. सुशील मोदी ने मांग की, 32 साल पहले हुई नृशंस हत्याओं के मामले में एसआईटी का गठन किया जाए. उन्होंने कहा कि 200 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन सजा किसी मामले में नहीं हुई है. मोदी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया जाए. इसमें न्यायालय की निगरानी होनी चाहिए. इसमें सीबीआई, एनआईए और ईडी की भी मदद ली जाए. नई प्राथमिकी दर्ज की जाए, लंबित चार्जशीट का जल्द से जल्द निष्पादन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि 32 साल के बाद बिट्टा कराटे और यासीन मलिक जैसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, जिससे भविष्य में कोई और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अन्याय न कर सके.