POSITIVE BHARAT PODCAST: महिलाओं की आवाज बनी वाइस चांसलर हंसा मेहता की कहानी
महिलाओं को पुरुषों की तरह ही समान अधिकार दिलवाने, महिलाओं को मताधिकार से लेकर घर से बाहर निकलकर शिक्षा प्राप्त करवाने में भारत की पहली महिला वाइस चांसलर हंसा मेहता ने कई लड़ाइयां लड़ी. महिलाओं के लिए देखे सपने को पूरी भी किया. 4 अप्रैल, 1995 को महिलाओं और पूरी मानव जाति के लिए लड़ने वाली हंसा ने दुनिया को अलविदा कह दिया (HANSA MEHTA POSITIVE BHARAT PODCAST) था. वह आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन महिलाओं के स्तर में सुधार के लिए उनके प्रयासों और उनके योगदानों को हमेशा याद रखा जाएगा. हंसा मेहता की संघर्ष कहानी बताती है कि महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं होतीं. महिला चाहे तो वो अपने दम पर कोई भी मुकाम हासिल कर सकती है. आशा करते हैं उनसे कई महिलाओं ने प्रेरणा ली होगी और अपना लक्ष्य प्राप्त कर रही होंगी.