मणिपुर हिंसा ने हजारों लोगों समेत अनाथालय के बच्चों को भी किया विस्थापित
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा ने हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है. इनमें से कई लोग मिजोरम सहित पड़ोसी राज्यों में चले गए हैं. चुराचांदपुर के एक अनाथालय को मजबूरी में सभी बच्चों को मिजोरम में स्थानांतरित करना पड़ा. अनाथालय के पांच से 16 साल की उम्र के बच्चे नौ मई को आइजोल पहुंचे. 10 मई से उन्हें शहर के बाहर पूर्वी इलाके में मिजोरम पर्यटन विभाग के एक कन्वेंशन सेंटर में रखा गया है. चिल्ड्रन होम डिसिप्लिनशिप मेकिंग मिनिस्ट्री के मालिक रोजलीन किम्बुआंग ने बताया, "बच्चे पहले से ही हिंसा, पर्यावरण, गोलियों की आवाज़ और घरों को जलाने जैसे संकटों से डरे हुए थे वो बहुत भयभीत और सदमे में थे. दरअसल, हम अभी वर्ष 2020 से शुरुआत कर रहे हैं, हमें अभी तीन साल और कुछ महीने ही हुए हैं, हमारे पास अभी तक कोई बहुत अच्छा घर नहीं है." 2020 में स्थापित, इस बाल गृह का संचालन डिसिप्लिनशिप मेकिंग मिनिस्ट्री नाम का एक गैर-लाभकारी संगठन करता है. इसमें कुकी समुदाय की 12 लड़कियों सहित 37 बच्चे रहते हैं. मिजोरम सरकार बच्चों को खाना और ठिकाना दे रही है. बच्चे अपना पूरा समय खेलने में बिताते हैं. उन्हें अभी तक मिज़ोरम के किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया है. बच्चे मणिपुर वापस नहीं लौटना चाहते हैं. उनकी बस यही इच्छा है कि उनके खाने-पीने और पढ़ाई का ख्याल रखा जाए.
(पीटीआई-भाषा)