Geeta Sar : जो भक्ति भाव से कर्म करता है जो विशुद्ध आत्मा है वह ...
जब देहधारी जीवात्मा अपनी प्रकृति को वश में कर लेता है और मन से समस्त कर्मों का परित्याग कर देता है तब वह सुखपूर्वक रहता है. कर्मयोग के बिना संन्यास सिद्ध होना कठिन है. मननशील कर्मयोगी शीघ्र ही ब्रह्म को प्राप्त करता है.जो भक्ति भाव से कर्म करता है जो विशुद्ध आत्मा है वह सबों को प्रिय होता है और सभी लोग उसे प्रिय होते हैं. Todays motivational quotes. Geeta Sar . Geeta Gyan . आज की प्रेरणा .
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:37 PM IST