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एक्स-रे, एआई मिलकर कोविड का तेजी से पता लगाने में मदद कर सकते हैं

शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से एक्स-रे को प्रशिक्षित किया है, जिससे कोविड-19 रोगियों का मिनटों में पता लगाया जा सकता है। इस एक्स-रे इमेज का उपयोग करके स्वचालित रूप से कोविड-19 संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। यह बीमारी की गंभीरता को मापने और बीमारी को वर्गीकृत करने में सहायता कर सकता है।

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Published : Mar 27, 2021, 12:13 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 5:53 PM IST

AI and X-rays will help detect COVID easier
एआई और एक्स-रे की मदद से कोविड का पता लगाना होगा आसान

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कोविड-19 रोगियों के लिए एक्स-रे एक अग्रणी नैदानिक उपकरण हो सकता है। शोधकर्ताओं के एक दल ने यह दावा किया है। आईईई/सीएए जर्नल ऑफ ऑटोमैटिका सिनिका में प्रकाशित निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि शोध टीम ने कोविड-19 का पता लगाने के लिए कई अलग-अलग मशीन लर्निंग (एमएल) विधियों का इस्तेमाल किया, जिनमें से दो का परिणाम क्रमश: 95.6 प्रतिशत और 98.5 प्रतिशत रेटिंग के साथ सामने आया है।

यूनिवर्सिडेड डे फोटार्लेजा के शोधकर्ता विक्टर हूगो ने एक बयान में कहा, "हमने जांच करने का फैसला किया है कि क्या कोविड-19 संक्रमण का एक्स-रे इमेज का उपयोग करके स्वचालित रूप से पता लगाया जा सकता है।"

इसकी बड़ी खासियत यह है कि स्वाब या लार से जुड़े नैदानिक परीक्षणों में जो समय लगता है, उसकी तुलना में अधिकांश एक्स-रे इमेज मिनटों के भीतर उपलब्ध हो जाती हैं।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के फेफड़ों को स्वचालित रूप से पहचानने के लिए अपने एआई मॉडल के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध छाती के एक्स-रे की कमी को भी माना है।

उनके पास सिर्फ 194 कोविड-19 एक्स-रे और 194 सही तरीके से काम कर रहे एक्स-रे थे।

क्षतिपूर्ति के लिए टीम ने अन्य एक्स-रे इमेज के एक बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित मॉडल लिया और उसे कोविड-19 से संक्रमित फेफड़ों की पहचान करने के लिए समान तरीकों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया।

विक्टर ने कहा, "चूंकि एक्स-रे बहुत तेज और सस्ते हैं। वह उन जगहों पर मरीजों को ट्राइज (आपातकाल में कार्यवाही की प्राथमिकता का निर्धारण) करने में मदद कर सकते हैं, जहां स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ध्वस्त हो गई है या फिर उन स्थानों पर जो अधिक जटिल तकनीकों तक पहुंच वाले प्रमुख केंद्रों से दूर हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि यह मेडिकल इमेज को वर्गीकृत करने के लिए स्वचालित रूप से डॉक्टरों को पहचानने, गंभीरता को मापने और बीमारी को वर्गीकृत करने में सहायता कर सकता है।

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शोधकर्ताओं ने कहा कि वे बड़े डेटासेट के साथ अपनी विधि का परीक्षण जारी रखने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही उनका एक मुफ्त ऑनलाइन मंच विकसित करने का भी लक्ष्य है।

(आईएएनएस)

Last Updated : Mar 27, 2021, 5:53 PM IST

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