एलर्जी जागरूकता सप्ताह :विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर कुल जनसंख्या के लगभग 26% लोग अलग-अलग प्रकार की एलर्जी से पीड़ित होते हैं. वहीं कुल पीड़ितों में से 50% लोग नाक या श्वसन तंत्र से जुड़ी कम या ज्यादा गंभीर एलर्जी की समस्या से पीड़ित होते हैं. वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन, वातावरण में प्रदूषण के बढ़ने तथा अलग अलग कारणों में लोगों में अलग-अलग प्रकार की एलर्जी के मामलो की संख्या लगातार बढ़ रही हैं. जिनमें श्वसन तंत्र से जुड़ी एलर्जी राइनाइटिस तथा अस्थमा के मामलें काफी ज्यादा देखे जाते हैं. जानकारों की माने तो राइनाइटिस तथा अस्थमा जैसी एलर्जिक बीमारियों के बढ़ते मामले और उनमें भी गंभीर स्थिति वाले मामलों की बढ़ती संख्या भविष्य में गंभीर चिंता का कारण भी बन सकते हैं.
वैसे तो एलर्जी कई प्रकार की तथा आनुवंशिक, पर्यावरण, आहार और संक्रमण सहित कई कारणों से हो सकती है. लेकिन ज्यादातर लोग श्वसन तंत्र, खाद्य, त्वचा एलर्जी व अन्य प्रकार की कई एलर्जी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं. ना सिर्फ आम जन में बल्कि कई बार पीड़ितों में भी एलर्जी के लक्षणों, प्रभावों, उनके निदान या उनके प्रबंधन को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं होती है. जिसका सबसे बड़ा कारण उनमें जागरूकता का अभाव होता है. ऐसे में वैश्विक स्तर पर आम जन में विभिन्न प्रकार की एलर्जी संबंधी बीमारियों तथा उनसे जुड़े चिकित्सा संबंधी मुद्दों के बारें में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल विश्व एलर्जी जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है. इस वर्ष यह आयोजन 18 से 24 जून के बीच मनाया जा रहा है.
थीम तथा इतिहास
गौरतलब है कि विश्व एलर्जी संगठन द्वारा हर साल एक थीम पर यह साप्ताहिक आयोजन आयोजित किया जाता है. इसी के तहत इस वर्ष “विश्व एलर्जी जागरूकता सप्ताह 2023 “ क्लाइमेट चेंज वर्सन एलर्जी : बी रेडी “ थीम पर मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य क्लाइमेट/ जलवायु में लगातार बदलाव के कारण अलग-अलग प्रकार की एलर्जी से संबंधित समस्याओं के बढ़ते मामलों तथा उन्हे ट्रिगर करने वाले कारकों में बढ़ोतरी के साथ ही एलर्जी के प्रभावों की गंभीरता को लेकर लोगों को सचेत व जागरूक करना है.
साथ ही सिर्फ क्लाइमेट से जुड़े कारणों को लेकर ही नहीं बल्कि अन्य कारणों से होने वाली एलर्जी तथा उनके लक्षणों, कारणों, निदान व प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करना भी इस आयोजन का एक खास उद्देश्य है. गौरतलब है कि विश्व एलर्जी जागरूकता सप्ताह का आयोजन World Allergy Organization - WAO (विश्व एलर्जी संगठन ) द्वारा किया जाता है. जिसके तहत कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य व सामाजिक संगठनों द्वारा जागरूकता शिविर, गोष्ठी, सेमिनार, रैली व सोशल मीडिया कैम्पेन तथा कई अन्य तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. गौरतलब है कि WAO में फिलहाल दुनियाभर के 108 क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय एलर्जी तथा क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी संघ व संगठन शामिल हैं.
दुनिया भर में आम जन में एलर्जी को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य को लेकर वर्ष 2005 में सबसे पहला विश्व एलर्जी दिवस मनाया गया था. लेकिन इस विषय पर बहुत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया सिर्फ एक दिन की बजाय एक पूरे सप्ताह को इस उद्देश्य के लिए समर्पित किया जाय. इसी के चलते वर्ष 2011 से विश्व एलर्जी जागरूकता सप्ताह के मनाए जाने की शुरुआत हुई.