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कोविड-19 रिकवरी के बाद फिटनेस फ्रीक दें इस बातों पर ध्यान

कोविड-19 से उबरने के उपरांत शरीर में कमजोरी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आती है। ऐसे में न सिर्फ शरीर में हर समय थकावट रहती है बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसी के चलते चिकित्सक और विशेषज्ञ कोरोना से ठीक होने के बाद पीड़ितों को ज़ोरदार व्यायाम करने की सलाह नहीं देते हैं।

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फिटनेस फ्रीक

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Published : Aug 30, 2021, 5:50 PM IST

बहुत से ऐसे लोग, जो नियमित व्यायाम के आदी रहे हों ,संक्रमण से ठीक होने के एक या दो महीने उपरांत बाद अपनी पुरानी दिनचर्या में वापस आना चाहते हैं।कई लोग,कोविड से ठीक होने के एक या दो महीने बाद,अपनी सामान्य दिनचर्या में वापसी का प्रयास करने लगते हैं जिनमें नियमित कसरत सत्र भी शामिल होते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है की कुछ बातों और सुझावों को अवश्य ध्यान में रखा जाए |

कोविड -19 से ठीक होने के लंबे समय बाद तक नियमित व्यायाम या फिटनेस दिनचर्या का पालन पीड़ित के लिए कठिन हो सकता है। हालांकि संक्रमण से ठीक होने के तत्काल उपरांत चिकित्सक व्यायाम से परहेज की बात करते हैं लेकिन साथ ही वे रिकवरी के कुछ समय उपरांत पर्याप्त पोषण के साथ धीमी गति से व्यायाम शुरू करने की बात भी कहते है। डॉक्टर्स चॉइस के संस्थापक और फिटनेस प्रैक्टिशनर अंकित झा सुझाव देते हैं की चाहे योगिक ब्रिदिंग हो या धीमी गति से जॉगिंग करना, इन विशेष टिप्स तथा बातों को ध्यान में रख कर रिकवरी कर रहे लोग सुरक्षित तरह से व्यायाम कर सकते है।

तिदिन योग का अभ्यास फायदेमंद

योग का अभ्यास

प्राचीन काल से लेकर आज तक योग एक प्राकृतिक उपचारकर्ता माना जाता रहा है। किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत होना चाहिए, फिर चाहे वह कोविड हो या घातक कैंसर। योग और प्राणायाम का अभ्यास कोविड पीड़ित लोगों के आंतरिक तंत्रों की मजबूती में मदद करते हैं और इनके नियमित अभ्यास से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में वृद्धि होती है ।

कोविड में कपालभाती को काफी असरदार माना जाता है। साँस लेने की इस तकनीक से एलर्जी, साइनस और फेफड़ों को साफ करने में मदद मिलती है। साथ ही इसका अभ्यास चयापचय में वृद्धि, हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर करने, वजन घटाने, बेहतर परिसंचरण और ऑक्सीजन की आपूर्ति में भी मदद करता है, साथ ही शरीर को रसायनों, पोषक तत्वों, सूक्ष्म पोषक तत्वों, आयरन, प्रोटीन, विटामिन, विटामिन डी और बी-12 को बेहतर तरीके से अवशोषित करने के लिए सक्षम बनाता है।

टहलना या धीमी गति से जोगिंग करना लाभकारी

टहलना या धीमी गति से जोगिंग करना लाभकारी

चाहे सामान्य रोग हो या कोरोना संक्रमण, शरीर पर उनके पार्श्व प्रभावों का ठीक होना एक या दो दिन में संभव नही होता है। ऐसे में यदि कम तीव्रता वाले व्यायाम किए जाये तो अत्यधिक थकान, जोड़ों का दर्द और सांस फूलने जैसी व्यायाम के उपरांत होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। इस अवस्था में शीघ्र रिकवरी के लिए टहलना या धीमी जॉगिंग फायदेमंद हो सकती है। ताजी हवा में और तेज धूप में घूमने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है बल्कि आपका मूड भी अच्छा होता है और तनाव का स्तर कम होता है। खुली हवा में गहरी सांस लेते हुए थोड़ी देर टहलना फेफड़ों को सुरक्षित रखता है और उनकी क्षमता को बढ़ाता है।

कैलिस्थेनिक्स अभ्यास लाभकारी

कैलिस्थेनिक्स अभ्यास लाभकारी

कैलिस्थेनिक्स ऐसी शारीरिक गतिविधियों या कसरत को कहा जाता है, जिसमें शरीर को ताकत देने के लिए वजन या प्रतिरोध व्यायामों की आवश्यकता नहीं होती है। कैलिस्थेनिक्स को पूर्ण कसरत माना जाता है क्योंकि इसमें अपने शरीर के वजन का उपयोग करते हुए शरीर की प्रत्येक मांसपेशी का व्यायाम कराया जाता है। कैलिस्थेनिक्स की शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हजारों साल पहले मानी जाती है।

तेजी से रिकवरी के लिए अपने आहार में अधिक प्रोटीन जरूरी

प्रोटीन जरूरी

कोविड संक्रमण से पीड़ितों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए स्वस्थ आहार बेहद जरूरी है। विशेष तौर पर प्रोटीन को इम्यूनिटी बनाने, बढ़ाने तथा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे शरीर में प्रोटीन मांसपेशियों के नुकसान से बचाने का कार्य करता है, शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और नई कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है,रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है, डीएनए और आरएनए को नियंत्रित करता है, मांसपेशियों के संकुचन का समर्थन करता है, और एंटीबॉडी बनाता है जो संक्रमण से लड़ते हैं। इसलिए रिकवरी अवधि में पीड़ित को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। अंकित झा बताते हैं की डॉक्टर्स चॉइस लीन प्रो हाई-प्रोटीन शेक है जो दुबले शरीर को सहारा देता है और वजन को प्रबंधित करने में आपकी मदद करता है।

कोविड के बाद, विटामिन सी का सेवन जारी रखें

विटामिन सी का सेवन

कोरोना संक्रमण के कारण आमतौर पर लोगों को एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण लोगों की सांस फूलने लगती है। इस संबंध में किए गए विभिन्न अध्ययनों की माने तो कोविड -19 के रोगियों में सूजन और संवहनी चोट में सुधार करने में विटामिन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जानकार बताते हैं की ऑक्सीडेटिव तनाव की स्थिति में मनुष्य को अधिक विटामिन सी की आवश्यकता होती है । विटामिन सी त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली जैसे भौतिक ऊतक अवरोधों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अंकित झा बताते हैं की डॉक्टर्स चॉइस 'रिफ्यूल' प्राकृतिक विटामिन सी, शाकाहारी कोलेजन और जिंक का एक आदर्श मिश्रण है जो एक प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में कार्य करता है। विटामिन सी का पर्याप्त सेवन हमारे शरीर में जैव-अणुओं को होने वाले नुकसान से बचाता है जैसे कि न्यूक्लिक एसिड, प्रोटीन, लिपिड और कार्बोहाइड्रेट।

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