कोविड 19 की शुरुआत से लेकर अब तक, लगभग अधिकांश मीटिंग तथा स्कूल वर्चुअल पटल पर चल रहे हैं जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग दिन में कई घंटे वीडियो कॉल पर बिताते हैं. चूंकि वीडियो कॉल में व्यक्तिगत बैठकों की तुलना में अधिक एकाग्रता और फोकस की आवश्यकता होती है,ऐसे में ऐसे लोग जो अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) से पीड़ित हैं , उन्हे इस जीवनशैली के साथ सामंजस्य बैठने में काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (NIMH) के अनुसार, एडीएचडी वाले लोगों को अपना ध्यान नियंत्रित करने में कठिनाई होती है. वे आवेगपूर्ण तरीके से कार्य करते हैं, और उनमें लगातार बेचैनी हो सकती हैं. वहीं अनलाइन मीटिंग या कक्षाओं में ज्यादा देर तक एक स्थान पर बैठकर ध्यान केंद्रित करना होता है , जो उनके लिए कठिन हो सकता है.
आमतौर पर एडीएचडी के लक्षण तीन श्रेणियों में माना जाता हैं. जो इस प्रकार हैं.
- असावधानी: ऐसे लोग आसानी से विचलित हो सकते हैं, अव्यवस्थित दिखाई दे सकते हैं और उन्हे लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है.
- अति सक्रियता: एडीएचडी पीड़ितों को स्थिर रहने में परेशानी होती है. वे फिजूलखर्ची भी कर सकते हैं और बहुत बात भी कर सकते हैं.
- आवेग: जब लोगों में आवेगी लक्षण होते हैं, तो वे अपने कार्यों के बारे में सोचे बिना जल्दबाजी में कार्य करते हैं.
ये लक्षण ध्यान और निर्णय लेने के व्यवहार को प्रभावित करते हैं. इस वजह से, एडीएचडी वाले लोग वीडियो कॉल पर लोगों के साथ बातचीत करने में अधिक समय बिताने के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं. ऐसे में लगातार वर्चुअल मीटिंग्स एडीएचडी वाले लोगों को अधिक थका हुआ महसूस करा सकती है, क्योंकि इस दौरान उन्हे लगातार एकाग्रता बनाए रखने की कोशिश करनी पड़ती है.
बच्चों में चुनौतियां
जर्नल ऑफ एडोलसेंट हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पता लगाने का प्रयास किया गया है की एडीएचडी पीड़ित बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्रभावित करती है.इस शोध में पाया गया कि एडीएचडी वाले बच्चों को सामान्य बच्चों की तुलना में ऑनलाइन कक्षाओं में ज्यादा कठिनाई होती है. शोध में प्रतिभागी एडीएचडी वाले अधिकांश बच्चों के माता-पिता ने इसकी सूचना दी है. शोध में पाया गया की कक्षाओं के दौरान एडीएचडी वाले बच्चों को निम्नलिखित चुनौतियों का सामना करना पड़ता सकता है .
- सामान्य से अधिक समय तक बैठे रहना
- सामूहिक गतिविधि के कम अवसर होना
- उत्साह और विविधता की कमी के कारण आसानी से ऊब जाना
- दोस्तों के साथ बातचीत करना मुश्किल होना
- एक ही वातावरण में होमवर्क और स्कूल का काम पूरा करते समय ध्यान केंद्रित करने के लिए संघर्ष करना
वयस्कों में चुनौतियां