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SPECIAL: क्या होता है स्टिलबर्थ, क्यों मनाया जाता है गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस - United Nations Report

गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में की गई थी. Pregnancy Infant Loss Remembrance Day 15 October . तब USA के राष्ट्रपति Ronald Reagan ने पहली बार 25 अक्टूबर 1988 को इसकी घोषणा की थी. October month is pregnancy and infant loss remembrance month .

October month is pregnancy and infant loss remembrance month
गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण

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Published : Oct 2, 2022, 5:38 AM IST

किसी भी परिवार विशेषकर मां के लिए गर्भस्थ शिशु या भ्रूण की मृत्यु, मृत बच्चे का जन्म या जन्म के तत्काल बाद नवजात की मृत्यु बेहद दुखद एहसास होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO Report) तथा संयुक्त राष्ट्र (United Nations Report) के अनुसार हर साल लगभग 20 लाख से ज्यादा मृत जन्म या स्टिलबर्थ के मामले संज्ञान में आते हैं. वहीं वर्ष अनुसार आंकड़ों कि बात करें तो वर्ष 2015 में लगभग 2.6 मिलियन मृत जन्म के मामले संज्ञान में आए थे, जिनमें प्रतिदिन Stillbirth का आंकड़ा लगभग 7 हजार 178 था. इनमें से ज्यादातर मामले विकासशील देशों में चिन्हित किए गए थे. सिर्फ स्टिलबर्थ (Stillbirth) ही नहीं बल्कि गर्भपात का शिकार हुए भ्रूण तथा जन्म के तत्काल बाद जीवन से जंग हार जाने वाले नवजातों को याद करने के उद्देश्य से हर साल पूरे विश्व में अक्टूबर माह को “गर्भावस्था तथा शिशु हानि स्मरण माह” (Pregnancy and Infant Loss Remembrance Month) के रूप में मनाया जाता है.

इतिहास : इस विशेष आयोजन की शुरुआत सबसे पहले गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में की गई थी. USA के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने पहली बार 25 अक्टूबर 1988 (Ronald Reagan, then USA President) को गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस मनाये जाने की घोषणा की थी. जिसके उपरांत वर्ष 2000 में रॉबिन बेयर, लिसा ब्राउन और टैमी नोवाक (Robin Baer, ​​Lisa Brown and Tammy Novak) ने 15 अक्टूबर (Pregnancy Infant Loss Remembrance Day 15 October) को गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए संघीय सरकार को याचिका दी थी. जिसके बाद से हर साल पूरे विश्व में 15 अक्टूबर को इस विशेष दिवस का आयोजन किया जाता है तथा अक्टूबर माह को Pregnancy and Infant Loss Remembrance Month के रूप में मनाया जाता है.

उद्देश्य : गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण माह मनाए जाने का उद्देश्य सिर्फ गर्भावस्था के दौरान, जन्म के समय या उसके तुरंत उपरांत मृत्यु के शिकार हुए बच्चों को याद करना ही नहीं है बल्कि Abortion, स्टिलबर्थ तथा नवजात मृत्यु के कारणों तथा उनसे बचाव के लिए आम जन में जागरूकता फैलाना भी है. जिसके चलते इस एक माह की अवधि में जनजागरूकता फैलाने वाले तथा ऐसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जहां किसी भी कारण से गर्भावस्था के दौरान, जन्म के समय या उसके तुरंत उपरांत मृत्यु को प्राप्त हुए बच्चों को याद किया जाता है. गौरतलब है की 15 अक्टूबर को पूरी दुनिया में “गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस” भी मनाया जाता है.

क्या है स्टिलबर्थ (What is stillbirth) : आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं कि माता के गर्भ में शिशु की मृत्यु हमेशा गर्भपात नहीं कहलाती है. रोग नियंत्रण तथा बचाव केंद्र (CDC) के अनुसार माता के गर्भ में यदि 20 हफ्ते से पहले भ्रूण की मृत्यु हो जाती है, तो वह Abortion कहलाती है. वहीं बीसवें हफ्ते के बाद या जन्म से पहले माता के गर्भ में बच्चे की मृत्यु मृत जन्म या स्टिलबर्थ कहलाती है. यह दोनों ही अवस्थाएं कई कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

स्टिलबर्थ (Stillbirth)

  • भ्रूण का सही तरीके से विकास ना होना.
  • जन्म के समय बच्चे में पैदाइशी असामान्यता.
  • 9 महीने के बाद भी बच्चे का जन्म ना होना.
  • गर्भावस्था के दौरान माता को रोग या संक्रमण होना.
  • माता में हाइपरटेंशन, मोटापा, या मधुमेह जैसे विकारों का होना, आदि

गर्भपात (Abortion)

  • जीन में असामान्यता. (Abnormality in genes.)
  • हार्मोन संबंधी समस्याएं. (Hormone related problems)
  • किसी प्रकार का संक्रमण. (Any kind of infection)
  • मधुमेह थायराइड जैसी समस्याएं. (Problems like diabetic thyroid)
  • धूम्रपान शराब या ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन. (Smoking alcohol or drugs)
  • दुर्घटना (Accident)

गर्भावस्था के दौरान सावधानियां :दुनिया भर में चिकित्सकों द्वारा पूरी गर्भावस्था के दौरान महिला को आहार संबंधी, उठने बैठने संबंधी तथा काम संबंधी निर्देश दिए जाते हैं. जिनके पालन के साथ ही नियमित चिकित्सीय जांच तथा सतर्कता बहुत जरूरी होती है. विशेषतौर पर ऐसी गर्भवती महिलायें जिन्हें पहले से हार्मोन संबंधी या किसी अन्य प्रकार की समस्या या बीमारी हो या जिनका गर्भस्थ शिशु कमजोर हो उन्हें अपना ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है.

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