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कैंसर के प्रति जागरुकता दिवस को इसलिए बोलते हैं World Rose Day, जानें कैंसर के बारे में - special day September 22

जानलेवा रोग कैंसर को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने के मकसद (Welfare of Cancer Patients) से हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है. 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे इसलिए मनाया जाता है क्योंकि साल 1974 में इसी दिन कनाडा की बच्ची मेलिंडा रोज की मौत कैंसर से हो गई थी World Rose Day 22 September 2022. Cancer treatment .

Welfare of Cancer Patients
कैंसर के प्रति जागरुकता

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Published : Sep 22, 2022, 1:37 PM IST

गंभीर और जानलेवा रोग कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे (World Rose Day 2022) मनाया जाता है. इस दिन को रोज डे इसलिए कहा गया है, क्योंकि कनाडा में रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची मेलिंडा रोज की साल 1974 में सितंबर माह में ब्लड कैंसर (In the memory of Melinda Rose) के चलते मृत्यु हो गई थी. यह दिन मेलिंडा रोज की (Rose day welfare for cancer patients) याद में मनाया जाता है. ‘ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स (Global Burden of Disease, Injuries and Risk Factors) (GBD 2019) अध्ययन के नतीजों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने यह जांच की कि कैसे 34 व्यावहारिक, पर्यावरणीय और पेशेवर कारक 2019 में 23 तरह के कैंसर से मौत और खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार रहे.

कैंसर काफी घातक बीमारी है (World Rose Day 2022). इस बीमारी का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं. लाइफ स्टाइल में हो रहे बदलाव और आधुनिकता के दौर में कैंसर बीमारी ने लोगों को और जकड़ लिया है (Welfare of Cancer Patients). चिकित्सा सुविधाओं में विकास हो रहा है. उसके बाद भी कैंसर से पूरी तरह निजात नहीं पाया जा सका है. 22 सितंबर को पूरे विश्व में रोज डे वेलफेयर फॉर कैंसर पेशेंट (Rose day welfare for cancer patients) मनाया जाता है (World Rose Day 22 September).

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उदहारण से समझें मरीजों की स्थिति :कैंसर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ प्रदीप चंद्राकर ने बताया "हर साल प्रदेश में कैंसर के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा के कैंसर डिपार्टमेंट में हर साल 5 हजार से 6 हज़ार नए कैंसर के मरीज आते हैं. वहीं प्रदेश में हर साल लगभग 50,000 कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. इसका कारण कहीं ना कहीं हमारे लाइफस्टाइल से रिलेटेड होता है. क्योंकि हमारा लाइफस्टाइल तेजी से बदल रहा है".

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ब्रेस्ट और लंग कैंसर के मरीज प्रदेश में तेजी से बढ़े: कैंसर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ प्रदीप चंद्राकर ने बताया कि "अभी जो हमारे पास मरीज आ रहे हैं. ट्रेंड पहले के मुकाबले अब थोड़ा चेंज हुआ है. पहले हमारे पास मुंह और गले के कैंसर के मरीज ज्यादा आते थे. लेकिन पिछले कुछ समय से प्रदेश में ब्रेस्ट कैंसर के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं. ब्रेस्ट कैंसर के मरीज एक अनुपात में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा पहले लंग कैंसर कम मिलता था. लेकिन अब लंग कैंसर ज्यादा मिल रहा है. खासकर महिलाओं में लंग कैंसर के मरीज ज्यादा देखने को मिले हैं."

जानें ब्रेस्ट कैंसर और लंग कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह

  1. तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल
  2. लेट मैरिज या ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना
  3. शादी के बाद लेट से बच्चा होना
  4. 6 महीने तक बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराई जाती है.
  5. ज्यादा ऑयली फूड, फैट और धूम्रपान जैसी चीजों की वजह से भी ब्रेस्ट और लंग कैंसर बढ़ते हैं.

कैंसर के कितने स्टेज होते हैं.

  1. पहले स्टेज में कैंसर एक ऑर्गन में होता है और धीरे-धीरे कैंसर की वजह से वह ऑर्गन खराब होने लगते हैं. पहले स्टेज में उसको डिटेक्ट कर लेने से जल्दी इलाज से व्यक्ति जल्दी ठीक हो सकता है.
  2. पहली अवस्था में कैंसर डिटेक्ट नहीं होने के बाद कैंसर दूसरी अवस्था में आसपास के ऑर्गन को भी खराब करना शुरू कर देता है.
  3. तीसरे स्टेज में कैंसर आसपास के ऑर्गन को पूरी तरह खराब करना चालू कर देता है. जिससे इलाज करने में भी काफी ज्यादा मुश्किलें आती है.
  4. चौथी स्टेज में जिस ऑर्गन में कैंसर हुआ रहता है उस ऑर्गन के अलावा आसपास के ऑर्गन में भी कैंसर का फैलाव इतना ज्यादा हो जाता है कि इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है.

कैंसर की पहचान कैसे करें:कैंसर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ प्रदीप चंद्राकर ने बताया कि " खासकर वह कैंसर जो बॉडी के अंदर होता है जैसे स्टमक कैंसर , लंग कैंसर, पैंक्रियाज कैंसर यह अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है और इसके सिम्टम्स काफी कॉमन होते हैं. जिस वजह से इसे डिटेक्ट कर पाना काफी मुश्किल होता है. अमूमन डायग्नोज होने पर स्टमक कैंसर, लंग कैंसर, पेनक्रियाज कैंसर स्टेज 3 पर ही मिलते हैं. जहां पर इलाज में डॉक्टर को रिजल्ट दे पाना काफी मुश्किल होता है.

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कैंसर मरीजों के परिजनों ने क्या कहा:एक कैंसर मरीज के परिजन कैलाश कुमार से हमने बात करने की कोशिश की. उन्होंने बताया किमेरी मां को कैंसर है. उनको दिखाने उन्हें लेकर में यहां आया हूं. यहां कैंसर रिलेटेड इलाज की अच्छी व्यवस्था है. यहां के डॉक्टर अच्छे हैं. अच्छे से बात भी करते हैं. अभी मेरी माताजी का इलाज चल रहा है. इसके लिए यहां किराए से घर लेकर हमें रोज यहां आना पड़ता है. डायग्नोसिस के लिए हमें टाइम दिया जाता है उस टाइम पर आकर हम डायग्नोसिस करा लेते हैं.

शरीर में कोई भी बीमारी का लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
इसके साथ ही डॉक्टर ने बताया कि रोज अपने खाने में करीब ढाई सौ ग्राम फल सब्जियों का सेवन जरूर करें. उन्होंने कहा कि यदि कोई भी लक्षण आपको नजर आते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज ना करें तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं. सर में दर्द गले या शरीर में गांठे, खून से जुड़ी कोई समस्या, पेट दर्द आदि समस्याओं को लेकर तुरंत डॉक्टर से मिले और सही जांच करवाएं.

बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि अबतक कैंसर रोग को पूरी तरह खत्म करने को लेकर कोई थेरेपी नहीं आ पाई है, लेकिन अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाते हैं. समय-समय पर अपना और अपने परिवार की मेडिकल जांच कराते हैं, तो निश्चित तौर पर आप कैंसर जैसी जानलेवा रोग से खुद को और अपने परिवारजनों को बचा सकते हैं.

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