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Obesity Problems : दवा या इंजेक्शन या सर्जरी ही मोटापे का विकल्प नहीं, इन बातों को भी जानें - मोटापे की बढ़ती समस्‍या

मोटापे की बढ़ती समस्‍या से निपटने के लिए दवा या इंजेक्शन या सर्जरी ही जरूरी नहीं है. इनमें से कोई खतरे से खाली नहीं है. जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ.....

Medicine or injection or surgery is not the only option for obesity
मोटापे का इलाज

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Published : Jul 8, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Jul 8, 2023, 10:55 AM IST

नई दिल्ली :मोटापे की बढ़ती समस्‍या से निपटने के लिए दवाओं और इंजेक्शन के रूप में कई नए उपचार विकसित किए जा रहे हैं, लेकिन इन्‍हें रामबाण नहीं कहा जा सकता। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबि‍क इन्‍हें घटाने के लिए इन्हें उचित आहार और व्यायाम के साथ जोड़ा जाना चाहिए. मोटापा आज दुनिया के सामने सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गया है. एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में लगभग 2.3 अरब बच्चे और वयस्क अधिक वजन और मोटापे के साथ जी रहे हैं. यदि वर्तमान रुझान जारी रहता है, तो 2025 तक 2.7 अरब वयस्क अधिक वजन या मोटापे के साथ जी रहे होंगे. मोटापा अपने साथ हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, कैंसर और कई बीमारियों को लेकर आता है.

मोटापे से निपटने को वर्तमान दवाएं मुख्य रूप से सेमाग्लूटाइड और अन्य जीएलपी -1 एगोनिस्ट जैसे मधुमेह के इलाज के लिए विकसित की गई हैं, जो इंजेक्शन व गोली दोनों रूप में उपलब्ध हैं.

सीके बिड़ला अस्पताल के निदेशक, जीआई, मिनिमल एक्सेस एंड बेरिएट्रिक सर्जरी मयंक मदान ने आईएएनएस को बताया कि मुख्य रूप से इसका उपयोग टाइप 2 मधुमेह के उपचार में किया गया है, जिस स्थिति में वे शरीर में इंसुलिन स्राव में सुधार करते हैं, लेकिन समय के साथ यह देखा गया है कि वे भूख को कम करते हैं और इस तरह वजन कम करने में भी मदद करते हैं.

मोटापे की समस्या

सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल, मुंबई के सलाहकार, एंडोक्रिनोलॉजी डेविड चांडी ने कहा, "जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट लिराग्लूटाइड और सेमाग्लूटाइड को बिना मधुमेह वाले लोगों में मोटापे के इलाज के लिए भी मंजूरी दी गई है. लिराग्लूटाइड (ब्रांड नाम: सैक्सेंडा) को प्रतिदिन एक बार इंजेक्ट किया जाता है, जबकि सेमाग्लूटाइड (ब्रांड नाम: वेगोवी) को साप्ताहिक रूप से एक बार इंजेक्ट किया जाता है."

मोटापा शॉट्स बनाने के लिए वर्षों की दौड़ के बाद, फार्मा कंपनियों ने अब गोलियों पर ध्यान केंद्रित किया है. अमेरिकी दवा निर्माता एली लिली की नई दैनिक गोली ऑर्फोर्गलिप्रोन जीएलपी-1 रिसेप्टर्स को लक्षित करती है और यह 15.6 किलोग्राम तक वजन घटाने और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करती है.

ये गोलियां नोवो नॉर्डिस्क के ओज़ेम्पिक और वेगोवी जैसे वर्तमान में स्वीकृत इंजेक्शन उपचारों को भी चुनौती देती दिखती है. ऑर्फ़ोर्ग्लिप्रोन की तुलना में, वजन घटाने के लिए हाल ही में स्वीकृत ओज़ेम्पिक और वेगोवी को एक बार साप्ताहिक इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है, जिसे सेमाग्लूटाइड भी कहा जाता है और लिली की मधुमेह की इंजेक्‍शन वाली दवा तिर्ज़ेपेटाइड (मौन्जारो के रूप में बेची जाती है), जो वजन घटाने में काफी मदद करती है.

मोटापे का कारण

नोवो नॉर्डिस्क का सेमाग्लूटाइड का कम खुराक वाला मौखिक संस्करण, जिसे राइबेल्सस के रूप में विपणन किया जाता है, वर्तमान में केवल टाइप 2 मधुमेह के लिए अनुमोदित है. फाइजर का ओरल जीएलपी-1, डेनुग्लिप्रोन भी पाइपलाइन में है और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण से गुजर रहा है.

इन दवाओं में कुछ निश्चित परिणाम देखे गए हैं, लेकिन आम तौर पर वे शरीर के अतिरिक्त वजन के केवल 10 से 25 प्रतिशत तक ही कम कर करते हैं, इसका मतलब है कि यदि आपके शरीर का अतिरिक्त वजन 50 किलो है तो आप 5 से 25 प्रतिशत वजन कम होने की उम्मीद कर सकते हैं

मदन ने कहा-
"लेकिन ये दवाएं अभी भी बाजार में नई हैं, इसलिए इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त शर्करा कम हो सकता है, खासकर उन रोगियों में जो मधुमेह के रोगी नहीं हैं."

मदन ने कहा-
"कुछ दुष्प्रभाव भी हैं जैसे मतली, पेट फूलना, दस्त और अन्य दुष्प्रभाव जैसे सूखी आंखें, सिरदर्द और पेट फूलना. प्राथमिक चिकित्सक के परामर्श के बिना इन दवाओं को नहीं लिया जाना चाहिए और बेहतर परिणाम, बेहतर मेटा-विश्लेषण पर ध्यान देना चाहिए. इन दवाओं की प्रभावशीलता जानने के लिए और अधिक परीक्षण किए जाएंगे."

मोटापे का इलाज

फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के बेरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक, हेमंथ कासरगोड के अनुसार, नए "इंजेक्शन/गोलियां आपके प्रारंभिक शरीर के वजन का लगभग 5-10 प्रतिशत कम करने में मदद करेंगी और लगभग 12 महीनों तक प्रभावी रहेंगी, लेकिन उसके बाद क्या होगा? इंजेक्शन/गोलियां बेरिएट्रिक सर्जरी जितनी प्रभावी नहीं हो सकतीं."

इस तर्क से सहमत होते हुए, डॉ. मदान ने कहा कि "सर्जिकल विकल्प शरीर के अतिरिक्त वजन का 70 से 80 प्रतिशत तक वजन कम करने में मदद कर सकते हैं. इसलिए, ऐसे मामलों में जो अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त हैं, सर्जरी जैसे विकल्पों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए."

कासरगोड ने बताया-
"बेरिएट्रिक सर्जरी हृदय रोग को 40 प्रतिशत, कैंसर को 60 प्रतिशत और मधुमेह को 92 प्रतिशत तक कम करती है. बेरिएट्रिक सर्जरी की सिफारिश केवल 35 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले रोगियों के लिए की जाती है, जिनमें मोटापे से संबंधित सह-संबंध नहीं है. मोटापे से संबंधित सहरुग्णता के साथ रुग्णता या बीएमआई 30 से अधिक. इंजेक्शन/गोलियों की प्रभावकारिता 10 प्रतिशत तक है और उनकी प्रभावकारिता साबित करने के लिए अभी भी अध्ययन चल रहे हैं."

इसके अलावा, विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय आबादी के लिए, इन जैब्स और गोलियों के लिए उचित मूल्यांकन और शोध की आवश्यकता है.

कासरगोड ने कहा-
"किसी शरीर और संस्कृति को नए इंजेक्शन और गोलियों के अनुकूल होने में समय लगता है और उनके दुष्प्रभाव शरीर-दर-शरीर अलग-अलग होंगे."

चांडी ने कहा, "बहुत से लोग वजन घटाने के लिए एक ही सेमाग्लूटाइड गोली लेते हैं. हालांकि अधिक मात्रा में हमने देखा है कि कई भारतीय मरीज इस दवा को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. अधिक मात्रा में उन्हें पेट में दर्द, कम भूख और दस्त की समस्या होती है."

मदन ने बताया-
"इनमें से कोई भी उपचार जादू की गोली नहीं है, इसका मतलब है कि ये सभी दवाएं, ये सभी इंजेक्शन तब सबसे अच्छा काम करते हैं जब इनके साथ बेहतर जीवनशैली, बेहतर आहार संबंधी आदतें और व्यायाम शामिल हों. चाहे कोई भी दवा या इंजेक्शन या सर्जरी हो, इन सभी का कोई विकल्प नहीं है.

---IANS इनपुट के साथ

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Last Updated : Jul 8, 2023, 10:55 AM IST

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