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स्पुतनिक-वी वैक्सीन के बारे में जानें कुछ प्रमुख चीजें

कोरोना मामलों में वृद्धि और वैक्सीन की कमी की खबरों के बाद मॉस्को में गेमाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक-वी वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति मिली है। कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद, स्पुतनिक-वी को भारत में आपातकालीन उपयोग का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत दर्ज की गई है।

Sputnik-V vaccine gets emergency use approval
स्पुतनिक-वी वैक्सीन को मिली आपातकालीन उपयोग की मंजूरी

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Published : Apr 14, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 5:20 PM IST

हैदराबाद स्थित दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने घोषणा की कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिल गई है। कुछ चीजें हैं, जो आपको कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जानने की जरूरत है।

कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद, मॉस्को में गेमाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक-वी, अब भारत में आपातकालीन उपयोग अनुमोदन प्राप्त करने वाली तीसरी कोविड-19 वैक्सीन है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, वैक्सीन को इसके तरल रूप में माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए।

हालांकि, इसे पारंपरिक रेफ्रिजरेटर में फ्रीज-ड्राइड रूप में 2-8 डिग्री सेल्सियस तामपान पर संग्रहित किया जा सकता है, जिससे इसे परिवहन और स्टोर करना आसान हो जाता है।

हाल ही में द लैंसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में स्पुतनिक-वी की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत निर्धारित की गई थी।

सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, 'भारतीय आबादी में इसकी प्रभावकारिता के बारे में साक्ष्य उत्पन्न करने की आवश्यकता है। स्पुतनिक-वी देश को एक और विकल्प प्रदान करेगा।'

मेदांता - द मेडिसिटी, गुड़गांव में संक्रामक रोग विशेषज्ञ नेहा गुप्ता के अनुसार, स्पुतनिक-वी एक वायरल वेक्टर्ड वैक्सीन है और इसके कोविशिल्ड के समान प्रदर्शन करने की संभावना है।

वैक्सीन 0.5 मिलीलीटर की दो खुराक के साथ 21 दिनों के अंतराल में दो बार दी जाएगी।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से एन. के. अरोड़ा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पहली खुराक की संरचना दूसरी खुराक से अलग होगी और पहली खुराक और दूसरी के बीच कम से कम तीन से चार सप्ताह का अंतर होना चाहिए।

स्पुतनिक-वी को कोविड-19 से निपटने के लिए दुनिया भर के 60 देशों में मंजूरी दी गई है, जिसका सरकारी नियामकों द्वारा जारी किए गए अनुमोदन की संख्या के संदर्भ में विश्व स्तर पर कोविड-19 टीकों के बीच दूसरा स्थान है।

पिछले कुछ दिनों में कोरोना मामलों में वृद्धि और वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच स्पुतनिक-वी के लिए आपातकालीन स्वीकृति सामने आई है।

डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. वी. प्रसाद ने एक बयान में कहा, 'हम भारत में स्पुतनिक-वी के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने पर बहुत खुश हैं। भारत में बढ़ते मामलों के साथ, कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण सबसे प्रभावी उपकरण है।'

हैदराबाद स्थित कंपनी के अनुसार, उसे दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिली है।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल इंडिया (डीसीजीआई) ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के आधार पर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, एसईसी ने विभिन्न नियामक प्रावधानों के अधीन आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी के सीमित उपयोग के लिए अनुमति देने की सिफारिश की है।'

(आईएएनएस)

Last Updated : Apr 14, 2021, 5:20 PM IST

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