नई दिल्ली: अक्सर देखा गया है कि जब मौसम असमान्य हो जोड़ों में दर्द होने लगता है, मानसून के दौरान गठिया का दर्द बढ़ सकता है. आई फ्लू और वायरल बुखार की समस्या के बाद अब गठिया और जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. आंकड़ों के मुताबिक गठिया और जोड़ों के दर्द के मरीज 50 प्रतिशत बढ़ गए हैं. गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन होती है. एक उम्र के बाद यह समस्या आने लगती है. दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के वरिष्ठ निदेशक और यूनिट प्रमुख डॉ. एल तोमर ने कहा, "ओपीडी में घुटनों के दर्द और जोड़ों के दर्द के मरीजों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.''
तोमर ने कहा, ''जोड़ों का दर्द आमतौर पर तब होता है जब मौसम असमान्य हो. इस स्थिति में घुटने मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं, इसके बाद रीढ़ की हड्डी के जोड़ और टखने प्रभावित होते हैं." मानसून के दौरान कुछ ऐसे कारक होते हैं जो संभावित रूप से गठिया के दर्द को बढ़ा सकते हैं. नमी एक सामान्य कारक है जो मानसून के मौसम में गठिया के दर्द को प्रभावित करती है. डॉक्टर ने कहा इससे मरीज को असुविधा हो सकती है, जिसमें गठिया से पीड़ित लोगों के लिए अपने जोड़ों को हिलाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
तोमर ने कहा, "हम लोगों को संयमित व्यायाम करने, हाइड्रेटेड रहने और बारिश में भीगने से बचने की सलाह देते हैं. खराब जीवनशैली, पौष्टिक आहार और व्यायाम की कमी के अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन भी इस बीमारी को दावत देता है.'' अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने कहा, "हम ओपीडी में जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं."