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थोड़ी सी सावधानी अपनाएं और बचे सर्दियों में ड्राइ आइज की समस्या से - health conditions faced in winters

सर्दियों के मौसम में “ड्राइ आइज” की समस्या काफी आम है, लेकिन आमतौर लोग इसे अनदेखा करते हैं. नतीजतन आँखों में खुजली सहित कई अन्य समस्याएं भी परेशान करने लगती हैं. आइये जानते हैं क्या है ड्राइ आइज की समस्या और कैसे सर्दियों में इससे बचा जा सकता है.

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ड्राइ आइज

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Published : Dec 15, 2021, 5:28 PM IST

सर्दियों के मौसम में आमतौर पर लोग ड्राइ आइज (Dry Eyes) यानी आँखों में सूखापन महसूस होने की समस्या का अनुभव करते हैं. जिसके चलते कई बार आँखों में खुजली और असहजता बढ़ जाती है. जानकार बताते हैं कि सर्दियों में वातावरण में नमी की कमी हो जाती है और इसका असर त्वचा के साथ साथ आँखों पर भी पड़ता है. जिसके कारण आँखों में नमी में कमी आ सकती है. लेकिन इसके अलावा और भी कुछ बातें हैं जो सर्दियों के मौसम में ड्राइ आइज का कारण बनती हैं.

सिर्फ शुष्क हवा ही नही हीटर भी जिम्मेदार

कुछ समय पहले हेल्थ डे में प्रकाशित एक पत्र में सर्दियों में आँखों में होने वाली समस्याओं के कारणों को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई थी. इस शोध पत्र में बर्मिघम में अलबामा विश्वविद्यालय में नेत्र विज्ञान विभाग की प्रशिक्षक मारिसा लोकी ने बताया था सिर्फ ठंड के मौसम में नमी कम हो जाने का कारण से ही नही बल्कि सर्दी से निजात पाने के लिए इस्तेमाल होने वाले हीटर के इस्तेमाल से भी आँखों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. पत्र में बताया गया था कि अधिकांश लोग ठंड से बचने के लिए अपने घरों या कार्यालयों में हीटर चलाते हैं. एक तो पहले ही सर्दियों में हवा में नमी का स्तर कम होता है, उस पर ज्यादा देर हीटर चलाने से यह और ज्यादा कम हो जाता है. ऐसे में हीटर के आसपास ज्यादा समय बिताने वाले लोगों की आंखों में नमी और भी ज्यादा कम हो जाती है.

जरूर है सावधानी

सेफ आई सेंटर दिल्ली की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आयशा पुरी बताती हैं कि वर्तमान समय में हर उम्र में ड्राइ आइज के मामलें काफी ज्यादा सामने आ रहे हैं. जिसके मुख्य कारणों में काम या पढ़ाई के चलते ज्यादा समय लैपटॉप या मोबाइल के समक्ष रहना, प्रदूषण तथा मौसम है.

हालांकि और भी कई कारण हैं जो इस समस्या के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, लेकिन सर्दियों के मौसम में हमेशा ही इस समस्या से जूझने वालों की संख्या बढ़ जाती है. जिसमें ऐसे लोग जो प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं उन्हे अपेक्षाकृत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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वह बताती हैं कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आंसू की पर्याप्त मात्रा तथा आँखों में नमी होना बहुत जरूरी है. लेकिन यदि किसी भी कारण से आंखों में आंसू सूखने लगें या उनमें नमी कम होने लगे तो आंखों में खुजली तथा कई बार दर्द भी होने लगता है. इसके अलावा आंखों में जलन, आंखे लाल होना या उनमें पानी आना तथा समस्या गंभीर होने पर देखने में परेशानी जैसी समस्याएं भी होने लगती है.

डॉ आयशा बताती हैं कि सर्दियों में न सिर्फ ड्राइ आइज बल्कि आँखों सम्बधी और भी समस्याओं से बचने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना फायदेमंद हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • सर्दियों के मौसम आहार का विशेष ध्यान रखें तथा नियमित तौर पर ज्यादा मात्रा में पानी तथा अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें जिससे शरीर हाइड्रेटेडरहे. इससे आंखों में भी नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी.
  • घर से बाहर जाने पर ठंडी तथा शुष्क हवाओं से आंखों को बचाने के लिए चश्मा और टोपी पहने.
  • सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए हीटर के बिल्कुल सामने बैठने से बचे. विशेषतौर पर अपने चेहरे और आँखों पर सीधे हीटर की गर्मी तथा रोशनी ना पड़ने दें क्योंकि न सिर्फ हीटर की आंच के कारण होने वाली शुष्कता बल्कि उसकी तेज रोशनी भी आँखों को नुकसान पहुँचा सकती है.
  • गाडी में यदि हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो या तो हीट वेंट्स को बिल्कुल ऊपर रखें या फिर शरीर के निचले हिस्से की तरह रखें. ध्यान रहे की हीट वेंट्स चेहरे के सीधे संपर्क में ज्यादा न आए.

डॉ आयशा कहती हैं कि आँखों में कांटेक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को जरूरी दिशा निर्देशों तथा बताई गई तमाम सावधानियों का ध्यान से पालन करना चाहिए. लेकिन यदि तमाम सावधानियों के बाद भी आँखों में सुखेपन की समस्या, दर्द, जलन तथा खुजली महसूस हो तो उसे अनदेखा नही करना चाहिए बल्कि तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

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