दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sukhibhava

जानलेवा भी हो सकता है हीट स्ट्रोक, बरतें सावधानी - causes of heat stroke

देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी चरम पर है, लेकिन कई बार काम,पढ़ाई या अन्य कार्यों के चलते तेज चिलचिलाती धूप में भी लोगों को घर से बाहर निकलना ही पड़ता है . ऐसे में लोगों में हीट स्ट्रोक होने की आशंका भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. चिंता की बात यह है की इस समस्या को लेकर अनदेखी कई बार जान पर भारी भी पड़ सकती है. आइए जानते हैं कि क्या है हीट स्ट्रोक की समस्या और कैसे उससे बचा जा सकता है.

tips to stay healthy in summer, summer health tips, dehydration causes, can heat wave be fatal, what is a heat stroke, causes of heat stroke, heat stroke prevention
हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है, सावधानी बरतें

By

Published : May 3, 2022, 3:50 PM IST

चिलचिलाती धूप और उस पर तेज गरम हवाएं, आमतौर पर लोगों में लू लगने या हीट स्ट्रोक होने कारण बन जाती हैं. तेज गर्मी के शरीर पर प्रभावों की अनदेखी तथा इस मौसम से जुड़ी सावधानियों को ना बरतना कई बार लोगों की जान पर भारी भी पड़ सकता है क्योंकि हीट स्ट्रोक शरीर को काफी गंभीरता से प्रभावित कर सकता है. इस समस्या से बचाव के बारें में जानने से पहले यह जानना जरूरी हैं कि आखिर हीट स्ट्रोक क्यों होता हैं तथा शरीर को कैसे प्रभावित करती हैं.

हीट स्ट्रोक
सेंटर फॉर डिजीज एंड डिजीज कंट्रोल प्रीवेंशन (सिडीसी) के अनुसार जब तेज गर्मी के कारण शरीर की तापमान नियंत्रण प्रणाली पर बोझ पड़ता है. तो लोगों के स्वास्थ्य पर भी उसका असर नजर आने लगता है और वे हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. वैसे तो सामान्य तौर पर पसीना शरीर को ठंडा करने का कार्य करता है, लेकिन कई बार ज्यादा गर्मी के बढ़ने पर, शरीर में पानी की कमी होने पर या किन्ही अन्य परिसतिथ्यों के प्रभाव के चलते सिर्फ पसीना शरीर को ठंडा नही रख पाता है. ऐसे में शरीर का तापमान बढ़ने लगता है. हीट स्ट्रोक होने जब यदि शरीर का तापमान जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता तो उसका प्रभाव कई बार मस्तिष्क व तांत्रिका तंत्र सहित शरीर के कई अंगों पर भी गंभीर रूप में नजर आ सकता हैं.

हीट स्ट्रोक के प्रभाव
इंदौर के फिजीशियन डॉ सुभाष बत्रा बताते हैं कि आमतौर पर तेज गर्मी में ज्यादा देर तक धूप के सीधे संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक हो जाता है. यह समस्या उन लोगों में ज्यादा नजर आती हैं जो डिहाईड्रेशन यानी पानी की कमी का शिकार होते हैं. इसके अलावा यह समस्या बच्चों और बुजुर्गों को भी ज्यादा प्रभावित करती है.

वह बताते हैं कि कई बार हीट स्ट्रोक के चलते पीड़ित को ज्यादातर 104 फेरेनहाइट के आसपास या कभी- कभी उससे तेज बुखार भी आ सकता है. जो जानलेवा भी हो सकता है. इसके अलावा हीट स्ट्रोक होने पर पीड़ित को बेहोशी, घबराहट, बेचैनी, मतली तथा दौरे आने की समस्या हो सकती है. यही नही शरीर के तापमान के बढ़ने के अलावा हीट स्ट्रोक होने पर त्वचा में रूखापन, त्वचा का लाल पड़ना, सांसों का तेज हो जाना या दिल की धड़कनों का बढ़ जाना तथा सिरदर्द सहित कई अन्य समस्याएं भी हो सकती है.

हीट स्ट्रोक के कारण पीड़ित के तांत्रिका तंत्र में भी समस्याएं आने लगती है. यही नही इस अवस्था में कई बार पीड़ित में बोलते समय लड़खड़ाने, चिड़चिड़ाहट, भ्रम तथा बैचेनी जैसे लक्षण भी नजर आने लगते हैं.

हीट स्ट्रोक होने पर क्या करें
डॉ सुभाष बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक के लक्षणों को लेकर ज्यादा सचेत रहना चाहिए. तथा उसके लक्षण नजर आते ही तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा कुछ सावधानियाँ भी हैं जिन्हे पीड़ित को हीट स्ट्रोक होने के बाद तथा उपचार मिलने से पहले अपनाना फायदेमंद हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • इलाज मिलने तक मरीज को घर के अंदर या किसी छांव वाली लेकिन ठंडी व हवादार जगह पर रखें.
  • शरीर के तापमान को कम करने का प्रयास करें, जिसके लिए उसे पानी भरे टब में लिटाया या शॉवर के नीचे खड़ा किया जा सकता है. इसके अलावा पीड़ित के माथे, गर्दन, बगल और परों के तलवे को गीले तौलिए या स्पंज , आइस पैक या ठंडे पानी के स्प्रे की मदद से ठंडा रखने का प्रयास करें.
  • यदि पीड़ित सचेत हो तो उसे ढ़ेर सारा पानी या डीहाइड्रेशन को दूर करने वाले पेय पदार्थ पिलाएं.

हीट स्ट्रोक से कैसे बचें
डॉ सुभाष बताते हैं कि गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक जैसी समस्या शरीर को प्रभावित ना करें इसके लिए आहार को संतुलित रखने के साथ ही कुछ अन्य सावधानियों को अपनाने से भी मदद मिल सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें . ढेर सारा पानी पिए और दिनचर्या में फल, फलों के जूस, नींबू पानी, दही, छाछ तथा नारियल पानी जैसे पेय पदार्थों के सेवन को शामिल करें.
  • सुपाच्य तथा ताजा भोजन खाएं. तथा खाने में दालों के साथ सलाद जैसे खीरा व ककड़ी और सब्जियों में लौकी व तोरी तथा अन्य ऐसी सब्जियों को ज्यादा मात्रा में शामिल करें जिनमें प्राकृतिक रूप से पानी की मात्रा ज्यादा होती है. इनका पाचन भी सरल होता है. .
  • घर से बाहर निकलते समय हमेशा पानी की बोतल साथ रखें तथा सूती या ऐसे कपड़े कपड़े पहने जिससे एक तो शरीर पूरा ढका रहे जिससे त्वचा सीधे धूप के संपर्क में ना आए, और दूसरा शरीर को हवा मिलती रहे.
  • जहां तक संभव हो तेज धूप में निकलने से बचे लेकिन यदि निकलना जरूरी हो तो त्वचा पर सनस्क्रीन का उपयोग करें, तथा अच्छी क्वालिटी के धूप के चश्में पहन कर तथा छाता लेकर या सिर पर टोपी पहनकर ही घर से बाहर निकले.
  • बच्चों तथा बुजुर्गों के साथ विशेष सावधानी बरतें.
  • शराब, कोल्डड्रिंक जैसे मीठे पेय और ज्यादा कैफीन युक्त पेय पदार्थ के सेवन से परहेज करें. ये पानी की कमी का कारण बन सकते हैं.

पढ़ें:गर्मियों के प्रभाव से त्वचा को राहत दिला सकते हैं ये प्राकृतिक उत्पाद

ABOUT THE AUTHOR

...view details