हैदराबाद : जिंजिवाइटिस दांतों व मसूड़ों से जुड़ी एक आम समस्या है जिसके होने के लिए आमतौर पर खराब ओरल हाइजीन को सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन चिकित्सकों की माने तो इसके लिए मुंह की सही तरह से साफ सफाई में कमी के अलावा कभी-कभी कुछ चिकित्सीय अवस्थाएं जैसे रोग या कुछ अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं.
जिंजिवाइटिस को एक साइलेंट डिजीज भी माना जाता है क्योंकि इस समस्या की शुरुआत में सामान्य तौर पर इसके ज्यादा तीव्र लक्षण नजर नहीं आते हैं. लेकिन जैसे-जैसे समस्या का प्रभाव बढ़ने लगता है, पीड़ित को दांतों व मसूडों से जुड़ी कई समस्याएं तथा अवस्थाएं ज्यादा परेशान करने लगती है. जानकारों व चिकित्सकों का मानना है कि यदि समय रहते इस समस्या का सही तरह से इलाज ना कराया जाए तो यह आम समस्या गंभीर रोग के रूप में परिवर्तित हो सकती है, जिसके परिणाम काफी गंभीर भी हो सकते हैं.
कारण
हेल्थ केयर डेंटल क्लिनिक ठाणे मुंबई के दांत रोग विशेषज्ञ डॉ सूरज भरतरी बताते हैं कि आमतौर पर जिंजिवाइटिस की शुरुआत मौखिक स्वच्छता या ओरल हाइजीन की कमी के चलते दांतों पर प्लाक जमने तथा उसके कारण व अन्य कारणों से दांतों में एलर्जी, बैक्टीरियल, वायरल व फंगल संक्रमण होने के कारण होती है. लेकिन इसके लिए कभी-कभी कुछ अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- कुछ दवाओं के पार्श्व प्रभाव
- किसी प्रकार के मुख रोग या मधुमेह आदि रोग या किसी प्रकार का संक्रमण
- मुंह में लार कम बनने की समस्या के कारण
- कुछ आनुवंशिक रोगों व अवस्थाओं के कारण
- विटामिन-सी की कमी
- बहुत ज्यादा धूम्रपान करना या ज्यादा कॉफी पीना
- खाने पीने की खराब आदतें तथा जरूरत से बेहद कम पानी पीना
- कभी कभी महिलाओं में हार्मोन में समस्याओं या असंतुलन होने पर जैसे मासिक धर्म के दौरान या गर्भावस्था में , आदि.
जिंजिवाइटिस के लक्षण और प्रभाव
डॉ सूरज भरतरी बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में शुरुआत में जिंजिवाइटिस के लक्षण बहुत तीव्र रूप में नजर नहीं आते हैं. वहीं जब इसके चलते मसूडों में हल्की-फुल्की सूजन, लालिमा, दर्द महसूस होना या मसूड़ों में हल्का खून आने जैसी समस्याएं नजर आना शुरू होने भी लगती हैं तो भी ज्यादातर लोग उन्हे अनदेखा कर देते हैं और तब तक चिकित्सीय सलाह नहीं लेते हैं जब समस्या बहुत ज्यादा परेशान ना करने लगे. लेकिन कई बार लोगों की इस प्रकार की अनदेखी व लापरवाही दांतों में पीरियडोनटाइटिस या दांतों व मसूड़ों की कई अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन जाती है. जो गंभीर रूप में होने पर शरीर में कई अन्य गंभीर समस्याओं या अवस्थाओं का जोखिम बढ़ा सकती हैं.
वह बताते हैं कि जिंजिवाइटिस की शुरुआत से लेकर उनकी गंभीरता बढ़ने तक जो सबसे आम लक्षण या प्रभाव नजर आते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- मसूड़ों का लाल होना व उनमें कम या ज्यादा सूजन आना
- मुंह से तीव्र बदबू आना
- कुछ खाने पर या ब्रश करने पर मसूड़ों से कम या ज्यादा खून आना
- मसूड़ों में सफेद धब्बे नजर आना
- दांतों में संवेदनशीलता बढ़ जाना यानी ज्यादा गरम या ठंडा महसूस होना
- दांतों में कुछ भी खाते व चबाते समय कम या ज्यादा दर्द होना या लगातार दर्द होना
- दांतों का कमजोर होना या हिलना , समस्या के बेहद गंभीर होने पर दांत गिर भी सकते हैं, आदि.