लखनऊ :उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शामिल केंद्र की चावल फोर्टिफिकेशन योजना के 15.05 करोड़ लाभार्थियों को 'फोर्टिफाइड चावल' के वितरण की सुविधा प्रदान करने की पहल में, योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की उन चावल मिलों में धान आवंटित करना शुरू कर दिया है, जहां ब्लेंडर लगे हुए हैं. इससे फोर्टिफाइड चावल के वितरण को और व्यापक बनाए जाने की योजना है.
विशेष रूप से, योजना के दूसरे चरण में, एनएफएसए के तहत कवर किए गए 12 करोड़ लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल के वितरण के लिए राज्य के 60 जिलों में 64,365 राशन दुकानों का चयन किया गया है, जिनका वार्षिक आवंटन 46.10 लाख मीट्रिक टन है.
कैसा होता है फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड चावल के बारे में बताया जाता है कि इसका उपयोग करने वाले लोगों को खाने के साथ-साथ पोषक तत्वों वाली दवा की जरूरत को पूरा किया जा सकता है. इस फोर्टिफाइड चावल के सेवन से एक ओर जहां कुपोषण की समस्या दूर करने में मदद मिलती है, वहीं दूसरी ओर इस फोर्टिफाइड चावल में पाए जाने वाले आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-बी आदि शरीर की न्यूट्रीशनल वैल्यू को बढ़ाने का काम करते हैं.
गौरतलब है कि पोषण के मामले में फोर्टिफाइड चावल सामान्य चावल की तुलना में अधिक समृद्ध है, क्योंकि मिलिंग और प्रसंस्करण से आम तौर पर सामान्य चावल से वसा और सूक्ष्म पोषक तत्व निकल जाते हैं, जबकि फोर्टिफाइड चावल इन सभी गुणों को बरकरार रखता है.
फोर्टिफाइड चावल में विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए को सम्मिश्रण प्रक्रिया के माध्यम से सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ संरक्षित और समृद्ध किया जाता है. एनएफएसए की राइस फोर्टिफिकेशन स्कीम के जरिए देश में इसके वितरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है.