नई दिल्ली : गर्म और उमस भरे मौसम के साथ-साथ लगातार बारिश के कारण आई देश के कई हिस्सों में बाढ़ के कारण आंखों से जुड़ें से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही है. डॉक्टरों के अनुसार सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बच्चों और वयस्कों में आखों से जुड़े वायरल के मामले 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) या गुलाबी आंख (Pink Eye ) आपकी पलक और नेत्रगोलक (Eyeball) को जोड़ने वाली पारदर्शी झिल्ली की सूजन या संक्रमण है. विशिष्ट लक्षणों में खुजली के साथ-साथ आंख में लालिमा और किरकिरापन महसूस होना शामिल है. अक्सर रात के समय डिस्चार्ज से आपकी पलकों पर पपड़ी बन जाती है.
एम्स, नई दिल्ली के नेत्र विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. रोहित सक्सेना ने आईएएनएस को बताया, 'हाल ही में कंजंक्टिवाइटिस के साथ आने वाले रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. पिछले सप्ताह में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हाल की बाढ़ की स्थिति और गर्म और आर्द्र मौसम के कारण आंखों की लाली, चुभन और जलन के साथ आने वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है.'
सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. इकेदा लाल ने कहा, 'हम वायरल कंजंक्टिवाइटिस के साथ आने वाले रोगियों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं. वायरल कंजंक्टिवाइटिस में, रोगी आमतौर पर आंखों में चिपचिपापन, जलन, जलन और लालिमा की शिकायत करते हैं.'
डॉ. सक्सेना ने कहा कि इस मौसम में बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा अधिक होता है और खासकर इस मौसम में जब मौसम गर्म होता है तो आंखों की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.
सूर्या मदर एंड चाइल्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पुणे के सलाहकार नेत्र रोग विशेषज्ञ और नेत्र सर्जन डॉ. नीलेश गिरी ने बताया कि 'विशेष रूप से बच्चों के लिए, ओवर-द-काउंटर (सीधे मेडिकल स्टोर) दवाओं के उपयोग की अनुशंसा नहीं की जाती है. बच्चों की आंखें अभी भी विकसित हो रही हैं और उनके विकास और कार्य में किसी भी रुकावट से लंबे समय के लिए समस्याएं या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं'. पुणे में भी आई फ्लू के वायरल मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.
डॉ. गिरि ने कहा कि कंजंक्टिवाइटिस का वर्तमान प्रकोप मुख्य रूप से एडेनोवायरस के कारण होता है, जो कंजंक्टिवाइटिस के लिए जिम्मेदार एक सामान्य वायरस है। यह एक स्व-सीमित स्थिति है, और कोई भी विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं इसके खिलाफ प्रभावी नहीं हैं. संक्रमण आमतौर पर 10-15 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है. हालांकि, संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, जानबूझकर अपनी आंखों को छूने से बचना और संभावित रूप से सामान्य सतहों को छूने से बचना आवश्यक है.